
संजय सिंह की शपथ में कहां फंस रहा है पेच? जानें- क्या कहते हैं राज्यसभा के नियम
AajTak
राज्यसभा सचिवालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में नियमावली कहती है कि चूंकि संजय सिंह का मामला विशेषाधिकार समिति के पास जा चुका है लिहाजा अब समिति ही इस पर निर्णय करेगी. हालांकि अब तक विशेषाधिकार समिति की बैठक की तारीख भी तय नहीं हुई है.
दिल्ली से राज्यसभा के लिए दोबारा चुने गए आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह के लिए संसद की शपथ लेना मुश्किल होता जा रहा है. अगर उनके निष्कासन का मामला संसद की विशेषाधिकार समिति के पास चला जाता तो स्थिति बहुत पेचीदी हो सकती है.
राज्यसभा सचिवालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में नियमावली कहती है कि चूंकि संजय सिंह का मामला विशेषाधिकार समिति के पास जा चुका है लिहाजा अब समिति ही इस पर निर्णय करेगी. हालांकि अब तक विशेषाधिकार समिति की बैठक की तारीख भी तय नहीं हुई है.
सूत्रों के मुताबिक, एक बार तारीख तय होने के बाद बैठक होगी. इस बैठक में कोरम पूरा होने के बाद बैठक के एजेंडे में संजय सिंह के व्यवहार की समीक्षा का मुद्दा भी रखा जाएगा. इतना सब कुछ होने के बाद विशेषाधिकार समिति इस मामले पर विचार करेगी. संभव है समिति के सामने संजय सिंह को तलब किया जाए. इतना सब कुछ होने के बाद समिति रिपोर्ट तैयार की जाएगी. इसके बाद रिपोर्ट राज्य सभा में पेश होगी. सदन में पेश रिपोर्ट पर विचार कर तय किया जाएगा कि संजय सिंह के लिए सदन के दरवाजे कब और कैसे खोले जाएं. सदन की हरी झंडी मिलने के बाद भी एक प्रक्रिया बाकी रहती है.
इस संबंध में राज्यसभा सचिवालय से संजय सिंह को समन भी किया जाना है. ये समन शपथ ग्रहण के लिए होगा. समन में बताई गई तिथि पर संजय सिंह निश्चित स्थान पर पेश होंगे, फिर सभापति उनको पद की शपथ दिलाएंगे. ये भी उस समय ही तय होगा की शपथ विधि कहां होगी.
सूत्र का कहना है कि अब ये संजय सिंह पर निर्भर करेगा कि वह अपने नेता की तरह राज्यसभा सचिवालय के समन को भी टालते रहें, तब तक जब तक राज्यसभा का सत्र शुरू ना हो जाए और वो सदन में शपथ ले सकें. फिलहाल तो प्रक्रियाओं के अंतजाल में शपथ विधि मुश्किल लगता है.
संजय सिंह को आबकारी शुल्क नीति की आड़ में हुए घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया गया है. ईडी के वकील ने अदालत में कहा कि संजय सिंह 2021-22 में आई दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित घोटाले से हुई अपराध की आय को रखने, छिपाने, उपयोग करने और लेने-देने में शामिल रहे हैं.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







