
शीला दीक्षित अलग-अलग बंगलों में रहीं, केजरीवाल के लिए मिलाए गए थे दो बंगले! जानिए कैसे तय होता है दिल्ली CM का आवास
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दरअसल, दिल्ली में मुख्यमंत्री का कोई आधिकारिक आवास नहीं है. अरविंद केजरीवाल से पहले जाे भी दिल्ली के CM हुए, वे अलग-अलग बंगलों में रह चुके हैं. शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में अपने तीन कार्यकाल के दौरान दो अलग-अलग बंगलों में रही थीं.
दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच मुख्यमंत्री आवास को लेकर रस्साकशी चल रही है. AAP ने एलजी वीके सक्सेना पर आरोप लगाया है कि उन्होंने बीजेपी के इशारे पर दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी से सिविल लाइंस स्थित 6, फ्लैगस्टाफ रोड बंगले को 'जबरन खाली' करवाया है. बता दें कि अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से पहले इसी बंगले में रहते थे. वहीं, बीजेपी ने आरोप लगाया है कि अरविंद केजरीवाल ने बंगला छोड़ने के बाद इसका हैंडओवर पीडब्ल्यूडी को नहीं दिया और आतिशी बिना अलॉटमेंट के ही इसमें रहने आ गईं.
भाजपा का कहना है कि सरकारी आवास खाली होने पर PWD उसका कब्जा लेता है, उसकी इन्वेन्ट्री (सामान का लेखा-जोखा) बनाता है. उसके बाद ही आवास किसी और को आवंटित किया जा सकता है. आतिशी को पहले से ही 17 AB मथुरा रोड का आवास आवंटित हुआ है. अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या कोई मुख्यमंत्री कुर्सी से हटने के बाद, दूसरे मुख्यमंत्री को अपनी मर्जी से अपना आधिकारिक आवास सौंप सकता है? क्योंकि मुख्यमंत्री आवास किसी की निजी संपत्ति नहीं बल्कि सरकारी संपत्ति होती है. आइए जानते हैं दिल्ली के मुख्यमंत्री को सरकारी आवास के आवंटन की प्रक्रिया क्या होती है...
दिल्ली में सीएम का कोई आधिकारिक आवास नहीं
दरअसल, दिल्ली में मुख्यमंत्री का कोई आधिकारिक आवास नहीं है. अरविंद केजरीवाल से पहले जाे भी दिल्ली के CM हुए, वे अलग-अलग बंगलों में रह चुके हैं. जैसे 1993 में मदनलाल खुराना को 33 शामनाथ मार्ग स्थित आवास आवंटित हुआ था. उनके बाद साहिब सिंह वर्मा मुख्यमंत्री बने तो उन्हें 9 शामनाथ मार्ग स्थित बंगला आवंटित हुआ था. दिल्ली की 15 साल तक मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित अपने पहले कार्यकाल में 1998 से 2004 तक एबी-17 मथुरा रोड स्थित आवास में रहीं. इसके बाद दूसरे और तीसरे कार्यकाल में 3 मोतीलाल नेहरू मार्ग स्थित बंगले में रहीं. उनके मुख्यमंत्री नहीं रहने के बाद यह बंगला पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आवंटित हो गया था.
दिल्ली का जो भी मुख्यमंत्री बनता है वह अपनी सहूलियत के हिसाब से बंगला चुनता है. मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद उसे अपने निजी या किराए के मकान में रहना पड़ता है. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री को अलग से कोई आवास भत्ता भी नहीं दिया जाता. प्रतिमाह मिलने वाली राशि में ही आवास भत्ता शामिल होता है. जब अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बने तो उनके पास घर नहीं था. सिविल लाइंस स्थित जिस 6, फ्लैगस्टाफ रोग बंगले में वह रहने आए, वह मूल रूप से मुख्य सचिव का आवास था, जो उस समय खाली पड़ा था, इसलिए यह उन्हें आवंटित किया गया था.
दो घरों को मिलाकर बना 6 फ्लैगस्टाफ रोड बंगला

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