
शादी का वादा, यौन शोषण और गर्भपात... दिल्ली में महिला से दगाबाजी की हैरान कर देने वाली दास्तान
AajTak
दिल्ली में एक महिला के साथ शादी का झांसा देकर यौन शोषण की हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. यहां मालवीय नगर इलाके में 29 वर्षीय एक महिला ने आरोप लगाया है कि एक युवक ने न सिर्फ उसके साथ शादी का झूठा वादा कर कई बार बलात्कार किया, बल्कि उसे दो बार गर्भपात के लिए मजबूर भी किया.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में एक महिला के साथ शादी का झांसा देकर यौन शोषण की हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. यहां मालवीय नगर इलाके में 29 वर्षीय एक महिला ने आरोप लगाया है कि एक युवक ने न सिर्फ उसके साथ शादी का झूठा वादा कर कई बार बलात्कार किया, बल्कि उसे दो बार गर्भपात के लिए मजबूर भी किया. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है.
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पीड़ित महिला की शिकायत के आधार भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. आरोपी ने 20 जुलाई को महिला को उत्तर प्रदेश से दिल्ली बुलाया. इसके बाद उसने उसे झांसा दिया कि वो 21 जुलाई को उसके साथ शादी करेगा. लेकिन अगली ही सुबह वो महिला को जोर बाग मेट्रो स्टेशन के पास छोड़कर लापता हो गया.
पीड़ित महिला ने पुलिस को बताया कि आरोपी ने उस पर दबाव बनाते हुए कहा कि यदि उसने पुलिस से संपर्क किया, तो वह उसकी निजी अश्लील तस्वीरें ऑनलाइन लीक कर देगा. यह धमकी उस वक्त दी गई जब महिला उसे फोन करके लगातार संपर्क करने की कोशिश कर रही थी. पीड़िता आरोपी से साल 2022 में सफदरजंग अस्पताल में मिली थी. वहां दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई.
उनके बीच दोस्ती धीरे-धीरे गहरी होती गई. दोस्ती के कुछ समय बाद युवक ने उसे शादी का वादा किया. इस वादे के सहारे उसने कई बार उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया. इसी दौरान महिला गर्भवती हो गई, तो उसने उसे दो बार गर्भपात के लिए मजबूर किया. इस वजह से महिला मानसिक रूप से बेहद आहत है. उसकी मेडिकल काउंसलिंग कराई जा रही है. आरोपी की तलाश की जा रही है.
बताते चलें कि इसी महीने के पहले हफ्ते में ऐसी ही एक घटना सामने आई थी. यहां 19 साल की एक लड़की को शादी का झांसा देकर बलात्कार का मामला सामने आया था. इतना ही नहीं आरोपी पीड़िता का अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल भी करता था. इससे परेशान होकर उसने तेजाब पीकर जान देने की कोशिश, लेकिन डॉक्टरों ने किसी तरह से अपने प्रयास से उसे बचा लिया था.

ओला और ऊबर जैसी प्राइवेट कैब कंपनियों को चुनौती देने के लिए बाजार में एक नया एप आधारित कैब प्रोवाइडर 'भारत टैक्सी' आया है जो देश का पहला राष्ट्रीय सहकारी राइड हैडलिंग प्लेटफॉर्म है. भारत टैक्सी को खासकर इस वजह से लाया गया है ताकि ओला-ऊबर जैसी बड़ी कंपनियों की मनमानी और बाजार में बढ़ते दबाव को रोका जा सके.

बांग्लादेश में पिछले साल उठी चिंगारी अब ज्वालामुखी में बदल चुकी है, जिसमें अल्पसंख्यक हिंदुओं की हत्याओं से लेकर भारत विरोधी भावनाओं तक सब शामिल है. बांग्लादेश में हिंसक भीड़ ने एक हिंदू मजदूर की पीट-पीट कर हत्या कर दी, और पुलिस-सेना के सामने नाच-नाच कर जश्न मनाया. दूसरी तरफ, वहां अज्ञात लोगों ने छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या कर दी. जिसके बाद बांग्लादेश में हिंसा, आगजनी और बवाल फिर से शुरू हो गया. देखें ब्लैक एंड व्हाइट.

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हस्ताक्षर न होने का मुद्दा उठाया जिससे सदन में भरोसे और नेतृत्व को लेकर सवाल खड़े हो गए. सीएम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के भीतर भरोसे की कमी है. कांग्रेस ने आपत्ति जताई, लेकिन सीएम चर्चा के लिए तैयार हैं. इस विवाद के बीच सियासी पारा गरमाया और सदन में बहस का माहौल बना.

मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसे माफिया का नाम लेकर योगी आदित्यनाथ लगातार अखिलेश यादव को घेरते रहे. अब अखिलेश यादव कोडीन कफ सिरप की नशे के लिए अवैध तस्करी के आरोप में पकड़े गए अमित सिंह टाटा, आलोक सिंह और फरार मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल संग बाहुबली नेता धनंजय सिंह की तस्वीर का जिक्र करके योगी सरकार को घेरने में लगातार जुटे हैं. देखें ख़बरदार.

कभी प्रभु राम को काल्पनिक बताने जैसी सीमा लांघी गई थी तो अब राम का धर्म और उनकी जाति ढूंढ़ने वाले भी आ गए हैं. ममता के करीबी TMC के विधायक मदन मित्रा ने दावा किया कि प्रभु राम 'मुस्लिम' थे. चंद महीनों में बंगाल में चुनाव हैं. ऐसे में इस बयान की टाइमिंग को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. सवाल है कि क्या मुस्लिम वोट के लिए प्रभु राम के नाम पर सियासत हो रही है? देखें हल्ला बोल.

पराली जलाने के बिना भी राजधानी में वायु गुणवत्ता खराब होने के पीछे ट्रांसपोर्ट, इंडस्ट्री और धूल जैसे स्थानीय कारण मुख्य हैं, सरकार और समाज की सामूहिक विफलता के कारण दिल्लीवासी प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं. अब समय है कि हम अपनी आदतों में बदलाव करें और प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाएं.







