
'शांति' के लिए 'युद्ध' की बात... क्या ट्रंप के पास नहीं है रूस-यूक्रेन जंग रुकवाने का कोई पुख्ता प्लान?
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अमेरिकी राष्ट्रपति ने शपथ लेने के बाद पुतिन को रूस-यूक्रने युद्ध रोकने की धमकी दी है. उन्होंने कहा कि अगर उन्होंने युद्ध नहीं रोका तो रूस बर्बाद हो जाएगा. इसलिए भलाई इसी में है कि वो हथियार डाल दें. हालांकि, ट्रंप की इन धमकियों का असर रूस पर होता नहीं दिख रहा है. जिससे पता चल रहा है कि उनके पास जंग रुकवाने का कोई पुख्ता प्लान नहीं है.
डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में वापसी के 24 घंटों के अंदर काफी बड़े फैसले लिए गए हैं. अमेरिका की दक्षिणी सीमा पर इमरजेंसी लग चुकी है. अवैध प्रवासियों को बाहर निकालने की तैयारी हो चुकी है. ट्रंप की तरफ से युद्ध रुकवाने के लिए धमकी देना भी शुरू हो चुका है. ट्रंप ने पुतिन को रूस-यूक्रने युद्ध रोकने की धमकी दी है. उन्होंने कहा कि अगर उन्होंने युद्ध नहीं रोका तो रूस बर्बाद हो जाएगा. इसलिए भलाई इसी में है कि वो हथियार डाल दें. हालांकि, ट्रंप की इन धमकियों का असर रूस पर होता नहीं दिख रहा है. जिससे पता चल रहा है कि उनके पास जंग रुकवाने का कोई पुख्ता प्लान नहीं है.
दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध से दुनिया तंग आ चुकी है और इसका जल्द जल्द से समाधान चाहती है. इसलिए ये जानते हुए भी कि ट्रंप की बड़बोलेपन की आदत पुरानी है. सारी दुनिया उनके मुंह से सुनना चाहती है कि वो इस जंग को कब रुकवा देंगे.
100 से ज्यादा फाइलों पर किए साइन
राष्ट्रपति पद का कामकाज संभालने के पहले दिन ही डोनाल्ड ट्रंप ने 100 से ज्यादा सरकारी आदेशों पर साइन किए. शपथ ग्रहण के तुरंत बाद अपने ओवल ऑफिस में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कई आदेशों पर हस्ताक्षर किए और पत्रकारों को बताया कि वो इस बार वो ज्यादा आत्मविश्वास से भरा महसूस कर रहे हैं.
ट्रंप करीब 50 मिनट तक फाइलों पर साइन करते हुए पत्रकारों से बात करते रहे. ट्रंप से दर्जनों सवाल पूछे गए लेकिन बार-बार जिस बात को घुमा फिराकर पूछा गया वो रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़ी थी.
वहीं, जब उनसे पूछा कि पुतिन से कब मिल रहे हैं? तो उन्होंने (ट्रंप) कहा, हमारी मुलाकात बहुत जल्द हो सकती है. आपको क्या लगता है कि ये जंग कब तक रुकेगी? इसके लिए मुझे पुतिन से बात करनी होगी. जंग से उनकी हालत अच्छी नहीं है. ज्यादातर लोग समझते थे कि रूस-यूक्रेन युद्ध एक हफ्ते में खत्म हो जाएगा, लेकिन इसे 3 साल हो गए हैं, इसलिए उनकी हालत पतली है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

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यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.








