
शरीफुल इस्लाम ही है सैफ अली खान पर हमले का असली आरोपी... ये रहे अहम सबूत और फेस रिकॉग्निशन रिपोर्ट!
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क्या मुंबई पुलिस ने सैफ अली खान पर हमला करने के मामले में सही आदमी को गिरफ्तार किया? या फिर किसी ऐसे आदमी को पकड़ कर ले आई, जिसका इस केस से कोई लेना-देना ही नहीं है. शरीफुल इस्लाम की गिरफ्तारी के बाद से ही लोग ये सवाल उठाते रहे हैं.
क्या मुंबई पुलिस ने सैफ अली खान पर हमला करने के मामले में सही आदमी को गिरफ्तार किया? या फिर किसी ऐसे आदमी को पकड़ कर ले आई, जिसका इस केस से कोई लेना-देना ही नहीं है. शरीफुल इस्लाम की गिरफ्तारी के बाद से ही लोग ये सवाल उठाते रहे हैं. लेकिन अब मुंबई पुलिस ने कुछ सबूतों के हवाले से ये दावा किया है कि उन्होंने जिसे पकड़ा है, वही 16 जनवरी की रात सैफ के घर में घुसने वाला असली चोर है. आखिर क्या हैं वो सबूत?
मुंबई पुलिस के एडिशनल कमिश्नर परमजीत सिंह दाहिया ने कहा कि सैफ अली खान पर हुए हमले के मामले में पुलिस ने ना सिर्फ बिल्कुल सही आरोपी को गिरफ्तार किया है, बल्कि मुंबई पुलिस के पास आरोपी के खिलाफ एक नहीं, कई सबूत हैं. असल में इस मामले में सही आरोपी के गिरफ्तार होने को लेकर शुरू से ही सवाल उठाए जाते रहे हैं. यहां ये सवाल भी उठ रहा है कि जब आरोपी सही है, तो फेस रिकॉग्निशन की बात क्यों की जा रही है.
इस पर एडिशनल सीपी का कहना था कि पुलिस जब किसी भी मामले की जांच करती है, तो आरोपी के खिलाफ एक नहीं, कई सबूत इकट्ठे करती है, और फेस रिकॉग्निशन कराना उसी की एक कड़ी है. इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है कि पुलिस को आरोपी के सही या गलत होने को लेकर कोई शक है. वैसे मुंबई पुलिस के इस दावे के बाद अब आरोपी की वो फेस रिकॉग्निशन रिपोर्ट भी सामने आ गई है, जिसे लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं.
पुलिस सूत्रों की मानें तो फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने अपनी रिपोर्ट में साफ कर दिया है कि पुलिस की गिरफ्त में मौजूद शरीफुल इस्लाम ही वो आदमी है, जो सैफ पर हमले के लिए जिम्मेदार है. पहले सीसीटीवी में दिखाई दे रहे शख्स और गिरफ्तार शख्स की तस्वीरों के हवाले से ये बताने की कोशिश हो रही थी पुलिस ने जिसे गिरफ्तार किया है, वो हमले के लिए पहुंचे शख्स से मेल नहीं खाता है. यानी वो सही आरोपी नहीं है. बाद में फिंगर प्रिंट मिसमैच की बात भी सामने आई.
एडिशनल कमिश्नर ने फिंगर प्रिंट के मसले पर पूछे गए सवाल पर कहा कि जिस फिंगर प्रिंट रिपोर्ट की बात कही जा रही है, वो मुंबई पुलिस को मिली ही नहीं है. सैफ अली खान के घर पर हुए हमले के मामले में पुलिस ने अब तक की जो तफ्तीश की है, वो क्लू बेस्ड इनवेस्टिगेशन का एक बेहतरीन नमूना है, एक ऐसी तफ्तीश है जिसमें मुंबई पुलिस के पास एक नहीं, बल्कि आरोपी के खिलाफ अनेकों सबूत हैं. जिसे वो कोर्ट में साबित करके दिखाएंगे.
जाहिर है मुंबई पुलिस के इन दावों के साथ अब इन कयासों पर भी फुल स्टाप लग चुका है, जिनमें ये कहा जा रहा था कि मुंबई पुलिस ने किसी गलत आदमी को पकड़ लिया है. क्योंकि गिरफ्तार आदमी की सूरत सीसीटीवी में नजर आ रहे आरोपी की सूरत से नहीं मिलती. क्योंकि अब तो इस बात को साबित करने के लिए मुंबई पुलिस के पास फॉरेंसिक की वो फेशियल रिकॉग्निशन टेस्ट यानी (एफआरटी) की रिपोर्ट है, जो ऐसे दावों की हवा निकालती है.

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