
12000 पन्नों की चार्जशीट, 394 गवाह और मौत का खुलासा... मशहूर सिंगर जुबिन गर्ग के कत्ल की पूरी कहानी
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जुबिन गर्ग की मौत को शुरुआत में एक हादसा बताया गया. पानी में डूबने से हुई मौत. लेकिन सवाल उठते गए और फिर दो बार पोस्टमार्टम हुआ, सैकड़ों बयान दर्ज हुए और फिर सामने आई 12,000 पन्नों की चार्जशीट, जिसने इस मौत को हत्या करार दिया. पढ़ें पूरी कहानी.
Zubeen Garg Murder Case: असम की आवाज कहे जाने वाले मशहूर सिंगर जुबिन गर्ग की मौत हादसा नहीं बल्कि कत्ल था. 19 सितंबर को सिंगापुर में जुबिन गर्ग की मौत डूबने से नहीं हुई थी. बल्कि साजिशन उन्हें मारा गया था. इस बात का खुलासा असम पुलिस की तरफ से कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट में किया गया है. उस चार्जशीट में कुल 5 लोगों के नाम दर्ज हैं. जिनमें से 4 पर सीधे सीधे जुबिन की हत्या करने का इल्जाम है. जबकि एक पर गैर इरादतन हत्या की धारा लगाई गई है.
इस चार्जशीट के दाखिल होने से पहले ही खुद असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा ने एक नहीं बल्कि कई बार ये दोहराया था कि जुबिन गर्ग की मौत हादसा नहीं बल्कि हत्या है. लेकिन सच ये है कि चार्जशीट में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है, उनके खिलाफ सबूत और सुराग कमजोर हैं.
सवाल दर सवाल? पिछले तीन महीने से लगातार ये सवाल पूछे जा रहे थे कि आखिर जुबिन गर्ग की मौत की सच्चाई क्या है? जुबिन गर्ग की मौत आखिर कैसे हुई? पानी में डूबने से, पानी के अंदर दौरा पड़ने से, अचानक तबीयत खराब होने से या फिर जहर की वजह से?
दो-दो बार हुआ पोस्टमार्टम पहले सिंगापुर और फिर गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में दो-दो बार जुबिन गर्ग का पोस्टमार्टम हुआ. सिंगापुर पुलिस ने जुबिन गर्ग की मौत की वजह पानी में डूबना बताया था. गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में हुए दोबारा पोस्टमॉर्टम में भी साफ साफ ऐसी कोई चीज सामने नहीं आई थी जो ये बताती की जुबिन को जहर देकर मारा गया है. इस पोस्टम़ॉर्टम रिपोर्ट में भी जुबिन की मौत की असली वजह पानी में डूबना ही बताया गया. लेकिन मामले की जांच कर रही असम पुलिस की सीआईडी की स्पेशल टीम की रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा ने पहले ही ये ऐलान कर दिया था कि जुबिन की मौत को असम पुलिस हादसा नहीं बल्कि मर्डर के तौर पर देख रही है और उसी हिसाब से आगे कार्रवाई की जाएगी.
चार्जशीट में पांच आरोपी और ठीक वही हुआ. जुबिन गर्ग की मौत पर असम पुलिस ने कोर्ट में जो चार्जशीट दाखिल की है उसमें जुबिन गर्ग की मौत को कत्ल बताया गया है. और इसके लिए 5 लोगों को दोषी ठहराया गया है. चार्जशीट में जुबिन गर्ग के कातिल के तौर पर जो पहला नाम लिखा गया है, वो नाम है सिंगापुर में फेस्टिवल के ऑर्गेनाइजर श्याम कानू महंता का. दूसरा नाम जुबिन गर्ग के अपने मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा का है. तीसरा और चौथा नाम जुबिन गर्ग के बैंड में ही शामिल को म्यूजिशियन शेखर ज्योति गोस्वामी और अमृत पर्व महंता का है. यही वो चार चेहरे हैं जिनपर चार्जशीट में जुबिन गर्ग के कातिल होने के आरोप लगाए गए हैं.
इस चार्जशीट में जो पांचवा नाम है वो जुबिन गर्ग के कजन और असम पुलिस के अफसर संदीपन गर्ग का है. लेकिन संदीपन पर चार्जशीट में कत्ल का इल्जाम नहीं लगाया गया है. बल्कि गैर इरादतन हत्या में शामिल होने का इल्जाम लगाया गया है.

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