
'विकसित भारत बनाने के लिए स्किल, रिसर्च और इनोवेशन जरूरी...', नीति आयोग की बैठक में बोले पीएम मोदी
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नीति आयोग की मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत एक युवा देश है. यह अपने कार्यबल के कारण पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा आकर्षण है. हमें अपने युवाओं को एक कुशल और रोजगार योग्य कार्यबल बनाने का लक्ष्य रखना चाहिए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 9वीं मीटिंग हुई. इस अहम मीटिंग में पीएम मोदी ने कहा कि विकसित भारत 2047 हर भारतीय की महत्वाकांक्षा है. राज्य इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं, क्योंकि वे सीधे लोगों से जुड़े हुए हैं. नीति आयोग की बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि ये दशक बदलावों, तकनीकी और भू-राजनीतिक और अवसरों का भी है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को इन अवसरों का लाभ उठाना चाहिए और अपनी नीतियों को अंतर्राष्ट्रीय निवेश के अनुकूल बनाना चाहिए. यह भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में प्रगति की सीढ़ी है. पीएम ने कहा कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. हमने 100 साल में एक बार आने वाली महामारी को हराया है. हमारे लोग उत्साह और आत्मविश्वास से भरे हुए हैं. हम सभी राज्यों के संयुक्त प्रयास से विकसित भारत 2047 के अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं.
नीति आयोग की मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत एक युवा देश है. यह अपने कार्यबल के कारण पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा आकर्षण है. हमें अपने युवाओं को एक कुशल और रोजगार योग्य कार्यबल बनाने का लक्ष्य रखना चाहिए. विकसित भारत बनाने के लिए स्किल, रिसर्च, इनोवेशन और नौकरी आधारित ज्ञान पर जोर देना जरूरी है.
बता दें कि नीति आयोग केंद्र का सर्वोच्च सार्वजनिक नीति थिंक टैंक है, जिसका नेतृत्व प्रधानमंत्री करते हैं और इसमें सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, कई केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कई विपक्षी मुख्यमंत्रियों ने शनिवार को हुई इस बैठक में भाग नहीं लिया. वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बैठक में शामिल हुईं, लेकिन वह ये आरोप लगाते हुए मीटिंग से बाहर निकल गईं कि जब उन्होंने पश्चिम बंगाल को केंद्रीय निधि से वंचित किए जाने का मुद्दा उठाया तो उनका माइक म्यूट कर दिया गया था. लेकिन सरकारी सूत्रों ने उनके दावे का खंडन करते हुए कहा कि उनका बोलने का समय समाप्त हो चुका था और उनकी बारी दोपहर के भोजन के बाद आनी थी.

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