
'वाजपेयी प्रधानमंत्री अलग थे, वो भाजपा अलग थी', कांग्रेस ने PM मोदी पर साधा निशाना
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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता नहीं करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और राष्ट्रीय संकट के दौरान आम सहमति बनाने में सरकार की गंभीरता पर सवाल उठाया.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने रविवार को पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में कारगिल युद्ध के दौरान भाजपा के आचरण से इसकी तुलना की. 1999 के युद्ध के बाद चार सदस्यीय कारगिल समीक्षा समिति गठित करने के वाजपेयी के फैसले का जिक्र करते हुए रमेश ने कहा कि वह एक अलग प्रधानमंत्री थे और एक अलग भाजपा थी.
कांग्रेस महासचिव और पार्टी के कम्युनिकेशन इंचार्ज जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'स्मरणीय है कि 30 जुलाई, 1999 को, भारत-पाकिस्तान युद्ध समाप्त होने के तीन दिन बाद, वाजपेयी सरकार ने चार सदस्यीय कारगिल समीक्षा समिति का गठन किया था। इसके अध्यक्ष के. सुब्रह्मण्यम थे, जिनके पुत्र अब भारत के विदेश मंत्री हैं. समिति ने 15 दिसंबर, 1999 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की. इसे 23 फरवरी, 2000 को उपयुक्त संशोधनों के साथ संसद में पेश किया गया. इस पर चर्चा भी हुई. लेकिन उस समय प्रधानमंत्री अलग थे, सत्तारूढ़ भाजपा अलग थी, और राजनीतिक माहौल भी अलग था.'
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पहलगाम हमले के आतंकी अब भी पहुंच से दूर
जयराम रमेश की यह टिप्पणी पहलगाम आतंकवादी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर सोमवार को लोकसभा में तथा अगले दिन राज्यसभा में होने वाली विशेष चर्चा से एक दिन पहले आई है. अपने पोस्ट में कांग्रेस सांसद ने आगे बताया कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के अपराधियों को अभी तक न्याय के कठघरे में नहीं लाया गया है. उन्होंने कहा, 'पहलगाम आतंकी हमले 22 अप्रैल, 2025 को हुआ था. इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार आतंकवादियों को अभी तक न्याय के कठघरे में नहीं लाया गया है. बताया जा रहा है कि ये आतंकी पुंछ (दिसंबर 2023) और गंगागीर व गुलमर्ग (अक्टूबर 2024) में हुए पहले के आतंकी हमलों में शामिल थे.'
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