
वक्फ पर नए कानून की काट ट्रस्ट के जरिए खोज रही जमीयत... दिल्ली की बैठक में इन 10 उपायों पर मंथन
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वक्फ संशोधन कानून को लेकर जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की अहम बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में कानूनी मुद्दों को लेकर चर्चा की गई और संशोधित वक्फ कानून का मुस्लिम समाज पर असर को लेकर भी माथापच्ची की गई. बैठक में यह बात भी उठी कि नए कानून से दिक्कत क्या आएगी? कैसे केस लड़ा जाएगा और कानून की स्टडी पर जोर दिया गया.
वक्फ कानून के खिलाफ मुस्लिमों की सबसे बड़ी संस्था जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की सोमवार को फिर अहम बैठक हुई है. मौलाना महमूद मदनी की अध्यक्षता में आयोजित मीटिंग में आगे की रणनीति पर मंथन किया गया और सरकार तक संदेश पहुंचाने पर भी चर्चा की हुई है.
बैठक में सामाजिक और सामुदायिक सद्भाव बनाने के साथ-साथ सांकेतिक विरोध की रणनीति पर भी मंथन हुआ. इससे पहले रविवार की भी जमीयत की वर्किंग कमेटी की बैठक हुई थी. जमीयत के प्रमुख महमूद मदनी ने कहा था कि हम हर कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं. वक्फ का विरोध करते रहेंगे. जमीयत ने समर्थकों से देशभर में वक्फ कानून के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की है.
प्रबुद्धवर्ग ने लिया बैठक में हिस्सा
सोमवार को फिर जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की वक्फ कानून को लेकर महत्वपूर्ण बैठक हुई. समाज ने प्रबुद्धजीवी वर्ग ने भी मीटिंग में हिस्सा लिया. इसमें वकील भी शामिल हुए. बैठक में वक्फ संशोधन कानून का विरोध करने के लिए कुछ प्रस्ताव पारित किए जाएंगे. शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन की रणनीति तैयार की जाएगी. सरकार पर भी दबाव बनाया जाने पर मंथन किया गया.
बताते चलें कि वक्फ संशोधन कानून पर एक तरफ सड़कों पर प्रदर्शन हो रहा है तो दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट में इस कानून को चुनौती दी गई है. पश्चिम बंगाल में हिंसा की घटनाएं तक सामने आई हैं. ऐसे में मुस्लिम समाज की सबसे बड़ी संस्था जमीयत-उलेमा-हिंद के पदाधिकारी दो दिन से वक्फ के विरोध को लेकर मंथन कर रहे हैं. मौलाना महमूद मदनी की अध्यक्षता में सोमवार को यह बड़ी बैठक बुलाई गई.
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