
'लेबनान में मेरे आदेश पर हुआ था पेजर अटैक...', घातक हमले पर इजरायली PM नेतन्याहू का कबूलनामा
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इस साल 17 और 18 सितंबर के बीच ईरान समर्थित आतंकवादी समूह हिज्बुल्लाह के हजारों पेजर और वॉकी-टॉकी में धमाके हुए, जिसमें लगभग 40 लोग मारे गए और 3,000 से अधिक लोग घायल हो गए. हिज्बुल्लाह के लड़ाकों द्वारा इस्तेमाल किए गए हजारों पेजर महज 30 मिनट में ब्लास्ट कर गए, जबकि हिज्बुल्लाह के लड़ाके इजरायली रडार से बचाने के लिए ऐसे पेजर का इस्तेमाल कर रहे थे जिनमें जीपीएस, माइक्रोफोन और कैमरे नहीं थे.
लेबनान में हुए पेजर अटैक को लेकर पहली बार इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का बयान सामने आया है. उन्होंने रविवार को पुष्टि की कि उन्होंने ही सितंबर में लेबनान स्थित आतंकवादी समूह हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर पेजर हमले को मंजूरी दी थी, जिसमें लगभग 40 आतंकवादी मारे गए और 3,000 से अधिक घायल हो गए.
नेतन्याहू के प्रवक्ता ओमर दोस्तरी ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया, "नेतन्याहू ने रविवार को पुष्टि की कि उन्होंने लेबनान में पेजर ऑपरेशन को हरी झंडी दी थी."
रविवार 10 नवंबर को एक कैबिनेट बैठक में नेतन्याहू ने यह भी स्वीकार किया कि इजरायली सेना ने सीधे आदेश मिलने के बाद बेरूत में एक सटीक हमला किया, जिसमें हिज्बुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत हो गई.
टाइम्स ऑफ इजरायल ने नेतन्याहू के हवाले से कहा, "पेजर ऑपरेशन और (हसन) नसरल्लाह का खात्मा रक्षा प्रतिष्ठान के वरिष्ठ अधिकारियों और राजनीतिक क्षेत्र में उनके लिए जिम्मेदार लोगों के विरोध के बावजूद किया गया."
बता दें कि इस साल 17 और 18 सितंबर के बीच ईरान समर्थित आतंकवादी समूह हिज्बुल्लाह द्वारा इस्तेमाल किए गए हजारों पेजर और वॉकी-टॉकी में धमाके हुए, जिसमें लगभग 40 लोग मारे गए और 3,000 से अधिक लोग घायल हो गए.
सूत्रों के मुताबिक, लेबनान में हिज्बुल्लाह के लड़ाकों द्वारा इस्तेमाल किए गए पेजर महज 30 मिनट में ब्लास्ट कर गए, जबकि हिज्बुल्लाह के लड़ाके इजरायली रडार से बचाने के लिए ऐसे पेजर का इस्तेमाल कर रहे थे जिनमें जीपीएस नहीं था, कोई माइक्रोफोन और कैमरे नहीं थे.

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