लेफ्ट हैंड से लिखने वालों का दिमाग क्या राइट हैंड वालों से अलग होता है, विशेषज्ञ से जानें
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दुनिया भर में ऐसे लोगों की तादाद करीब 12 पर्सेंट है जो लिखने-खाने या अन्य जरूरी कामों में लेफ्ट हैंड का इस्तेमाल करते हैं. वहीं राइट हैंड वालों की तादाद सबसे ज्यादा है. क्या लेफ्ट हैंडेेड होने का ब्रेन से कोई संबंध है, विशेषज्ञ से जानें...
International Lefthanders Day 2021: दुनिया में करीब 10 प्रतिशत लोग लेफ्ट हैंड का इस्तेमाल लिखने-पढ़ने से लेकर खाने तक सभी जरूरी कामों में करते हैं. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, जॉर्ज डब्ल्यू बुश समेत खेल और सिनेमा जगत में ऐसी कई हस्तियां हैं जो लेफ्ट हैंड से लिखती हैं. दुनिया में लेफ्ट हैंड को लेकर तमाम शोध भी हुए हैं जिसमें ऐसे लोगों के मस्तिष्क के क्रियान्वयन पर भी बात की गई है. आइए विशेषज्ञ से जानते हैं कि लेफ्ट हैंड से लिखने-खाने वालों का दिमाग क्या वाकई राइट हैंड वालों से अलग या अच्छा होता है, या सच्चाई कुछ अलग है. एम्स के मनोचिकित्सक डॉ राजेश सागर ने aajtak.in से बताया कि मनोचिकित्सा जगत में इस पर कई शोध हुए हैं. वो बताते हैं कि हमारे दिमाग के दो हेमेस्फेयर होते हैं जिससे हमारी एक्टिविटी संचालित होती है. इसमें जिन लोगों का मोटॉर एरिया लेफ्ट हेमेस्फेयर से संचालित होता है, उनका दाहिना हिस्सा ज्यादा एक्टिव होता है, वहीं जिन लोगों का राइट मोटॉर एक्टिव होता है वो लेफ्ट पार्ट से एक्टिव होते हैं. बायें हाथ से काम करने वालों के बारे में ऐसा ही माना जाता है कि उनका राइट एरिया एक्टिव होता है. लेफ्ट हैंड वालों पर हुए कई शोध में सामने आया है कि लेफ्ट हैंड वाले लोग राइट वालों से ज्यादा क्रिएटिव होते हैं और उनमें म्यूजिक और आर्ट का सेंस अच्छा होता है. वो कहते हैं कि ऐसी सभी स्टडी को बाद में दूसरे शोधों से डिसएप्रूव भी किया गया. इसलिए अब ऐसा माना जाता है कि लेफ्ट हैंड वाले भी राइट हैंड वालों की तरह ही सामान्य होते हैं. ऐसे कोई भी तथ्य इस बात का समर्थन नहीं करते कि उनके दिमाग राइट वालों से अलग होते हैं.More Related News