
लद्दाख तनाव की पिघल रही है बर्फ? इस साल भारत आ सकते हैं शी जिनपिंग
AajTak
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग साल 2021 में भारत का दौरा कर सकते हैं. भारत को इस साल ब्रिक्स समिट का आयोजन करना है, अगल ये समिट वर्चुअल नहीं होती है तो फिर शी जिनपिंग का भारत दौरा हो सकता है.
भारत और चीन के बीच लद्दाख पर बीते एक साल से जो तनाव की स्थिति बनी हुई थी, अब वो कुछ कम होने लगी है. सीमा से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटने लगी हैं और इसका असर द्विपक्षीय संबंधों पर भी दिख सकता है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग साल 2021 में भारत का दौरा कर सकते हैं. भारत को इस साल ब्रिक्स समिट का आयोजन करना है, अगल ये समिट वर्चुअल नहीं होती है तो फिर शी जिनपिंग का भारत दौरा हो सकता है. दरअसल, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने इस साल भारत द्वारा BRICS सम्मेलन के आयोजन का समर्थन किया है. बीते दिन उन्होंने बयान दिया कि हम भारत का समर्थन करते हैं और सभी के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं. चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि ब्रिक्स देश कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक साथ मिलकर काम करेंगे. चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि ब्रिक्स देशों का रोल ग्लोबल मुद्दों में काफी अहम है, ऐसे में चीन सभी देशों के साथ मिलकर आगे बढ़ेगा. हालांकि, चीनी विदेश मंत्रालय ने शी जिनपिंग के भारत दौरे को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. लेकिन अभी तक की जितनी भी ब्रिक्स समिट हुई हैं, उनमें शी जिनपिंग ने खुद ही हिस्सा लिया है ऐसे में ये अनुमान लगाया जा रहा है. आपको बता दें कि साल 2021 के ब्रिक्स समिट के लिए भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इसी 19 फरवरी को आधिकारिक वेबसाइट भी लॉन्च कर दी है. गौरतलब है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इससे पहले अक्टूबर 2019 में भारत का दौरा किया था, जहां भारत-चीन के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शी जिनपिंग का स्वागत तमिलनाडु में किया था. लद्दाख पर जारी तनाव के बीच भारत-चीन में कोई आधिकारिक द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई है, हालांकि इस दौरान कुछ अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग ने कई बार मंच साझा जरूर किया है.
पांच दिनों से जारी बड़े पैमाने पर उड़ान रद्द और देरी के बाद DGCA ने इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स और अकाउंटेबल मैनेजर इसिड्रो पोर्केरास को 24 घंटे में जवाब देने का नोटिस भेजा है. इंडिगो ने कहा कि नेटवर्क रीबूट के लिए उड़ानें कम करनी पड़ीं, लेकिन अब 95% कनेक्टिविटी बहाल हो चुकी है. एयरलाइन ने यात्रियों से माफी मांगी है.

इंडिगो की फ्लाइट्स लगातार कैंसिल हो रही हैं और सरकार इसकी सख्ती से जांच कर रही है. यात्रियों की समस्या बढ़ने पर सरकार ने इंडिगो के अधिकारियों को तलब किया है और एयरफेयर पर प्राइस कैपिंग लगाई गई है. 500 किलोमीटर तक किराया साढ़े 7 हजार रुपए जबकि लंबी दूरी के लिए अधिकतम अठारह हजार रुपए निर्धारित किए गए हैं. यात्रियों को रिफंड न मिल पाने की शिकायतें भी बढ़ रही हैं. देखें विशेष.











