
रूसी स्पाई व्हेल की कहानी जो नॉर्वे के समंदर में मृत मिली, जानिए पुतिन की सेना के उस विंग के बारे में जो व्हेल को देती है जासूसी की ट्रेनिंग
AajTak
इस बेलुगा व्हेल का ह्वाल्डिमिर नाम नॉर्वेजियन शब्द 'ह्वाल' और रूसी राष्ट्रपति के नाम के पहले हिस्से 'व्लादिमीर' का मिश्रण है. व्हेल को नॉर्वे में ह्वाल कहा जाता है. रूसी नौसेना को व्हेल को ट्रेनिंग देने के लिए जाना जाता है. यही वजह है कि इसे रूस का जासूसी व्हेल माना जाने लगा.
रूस की जासूसी व्हेल 'ह्वाल्डिमिर' नॉर्वे में समंदर के तट के करीब मृत मिली है. इस व्हाइट बेलुगा व्हेल का शव 31 अगस्त को दक्षिणी नॉर्वे के रिसाविका खाड़ी में मछली पकड़ रहे पिता और पुत्र को तैरता हुआ मिला. हालांकि, अभी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है. इसे क्रेन की मदद से पानी से बाहर निकाला गया और निकटवर्ती बंदरगाह पर ले जाया गया. ह्वाल्दिमिर व्हेल को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. ये व्हेल 14 फीट लंबी और 2,700 पाउंड वजनी थी.
इस बेलुगा व्हेल का ह्वाल्डिमिर नाम नॉर्वेजियन शब्द 'ह्वाल' और रूसी राष्ट्रपति के नाम के पहले हिस्से 'व्लादिमीर' का मिश्रण है. व्हेल को नॉर्वे में ह्वाल कहा जाता है. रूसी नौसेना को व्हेल को ट्रेनिंग देने के लिए जाना जाता है. यही वजह है कि इसे रूस का जासूसी व्हेल माना जाने लगा. व्हेल को पहली बार अप्रैल 2019 में रूसी समुद्री सीमा से करीब 300 किमी (190 मील) दूर नॉर्वे के उत्तर में इंगोया द्वीप के पास देखा गया. उस समय उसके शरीर पर एक हार्नेस और एक छोटा कैमरा माउंट लगा हुआ था. हार्नेस पर अंग्रेजी में इक्विपमेंट सेंट पीटर्सबर्ग लिखा था. रूस में सेंट पीटर्सबर्ग सबसे बड़ा व्यापारिक शहर है. माना जाता है कि रूसी वैज्ञानिक शोध के दौरान इस तरह के हार्नेस का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में इन अटकलों को हवा मिली कि ये एक जासूसी व्हेल है.
मॉस्को ने आरोपों पर नहीं दी प्रतिक्रिया
पश्चिमी देशों ने भी दावा किया था कि यह व्हेल रूसी नौसेना के एक गुप्त मिशन का हिस्सा थी. हालांकि, मॉस्को ने आरोपों पर कभी प्रतिक्रिया नहीं दी. एक्सपर्ट के मुताबिक, रूसी नौसेना सैन्य उद्देश्यों के लिए व्हेल को ट्रेनिंग करने के लिए जानी जाती है. नॉर्वे के अधिकारियों का कहना था कि ह्वाल्दिमीर संभवतः किसी ट्रेनिंग का हिस्सा थी और मौका मिलते ही भाग निकली. उसे रूसी नौसेना द्वारा प्रशिक्षित किया गया, क्योंकि वो इंसानों के साथ रहने का आदी प्रतीत होती है. चूंकि, व्हेल को लोगों में बहुत दिलचस्पी थी और वो हाथ के संकेतों का जवाब देती थी, जिससे नॉर्वे की खुफिया एजेंसी ने मान लिया कि उसे रूस ने एक रिसर्च के हिस्से के रूप में रखा है.
व्हेल की मौत का कारण जानने के लिए पोस्टमार्टम
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, समुद्री जीवविज्ञानी सेबेस्टियन स्ट्रैंड ने बताया, हमने ह्वाल्डिमिर को समुद्र में मृत पाया है. हालांकि, अभी स्पष्ट नहीं हो सका है कि मौत का कारण क्या है? शरीर पर कोई बड़ी बाहरी चोट नहीं दिखाई दे रही है. बता दें कि स्ट्रैंड नॉर्वे के NGO मरीन माइंड की ओर से पिछले तीन वर्षों से ह्वालदिमीर के मूवमेंट पर नजर रख रहा था. उसने कहा, व्हेल की अचानक मौत से वे बहुत दुखी हैं. स्ट्रैंड ने कहा, यह बिल्कुल भयानक है. शुक्रवार तक वो पूरी तरह अच्छी स्थिति में थी, इसलिए हमें बस यह पता लगाना है कि ऐसा क्या हुआ है?

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.






