
राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामले में झारखंड HC ने फैसला सुरक्षित रखा, अमित शाह पर अपमानजनक टिप्पणी का आरोप
AajTak
राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. उन पर तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह पर अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है.
झारखंड हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से जुड़े एक मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है. जस्टिस अंबुजनाथ की कोर्ट में दलीलें पूरी हुईं. कोर्ट ने दोनों पक्षों को दलीलों का सारांश दाखिल करने का भी निर्देश दिया है. उन पर कांग्रेस अधिवेशन में गृह मंत्री और तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है. इस मामले में रांची सिविल कोर्ट द्वारा जारी नोटिस पर हाई कोर्ट पहले ही रोक लगा चुका है.
यह मामला साल 2019 का है. भाजपा नेता नवीन झा ने आरोप लगाया था कि 2018 में कांग्रेस के अधिवेशन के दौरान चाईबासा में राहुल गांधी ने भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की. इसको लेकर उन्होंने निचली अदालत में याचिका दाखिल की. बाद में यह मामला झारखंड हाईकोर्ट में पहुंचा. राहुल ने कहा था कि बीजेपी में ही कोई हत्यारा राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकता है, कांग्रेस में नहीं.
झारखंड में राहुल के खिलाफ तीन केस
झारखंड में राहुल गांधी पर तीन केस चल रहे हैं. अमित शाह पर आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ नवीन झा ने रांची की निचली अदालत में मामला दर्ज कराया है. अमित शाह मामले में ही दूसरा मामला चाईबासा की अदालत में भाजपा नेता प्रताप कुमार ने दर्ज कराया था. इस पर चाईबासा की अदालत ने जमानती वारंट भी जारी किया था, जिसे निरस्त करने के लिए राहुल गांधी ने हाई कोर्ट में याचिका दी थी. फिलहाल, उन पर किसी भी तरह की कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है. दोनों मामले हाईकोर्ट में चल रहे हैं.
मोदी सरनेम को लेकर भी चल रहा है मामला
तीसरा मामला मोदी शब्द को लेकर है. 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान रांची के मोराबादी मैदान में राहुल गांधी की सभा हुई थी. इसमें उन्होंने नरेंद्र मोदी, नीरव मोदी और ललित मोदी का नाम लेकर कहा था कि जिनके नाम के आगे मोदी है, वह सभी चोर हैं. इसी कथित आपत्तिनजक टिप्पणी के खिलाफ अधिवक्ता प्रदीप मोदी ने रांची की निचली अदालत में शिकायतवाद दर्ज कराया था.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.






