राम से इतना लगाव: नेपाल में शिलाओं के स्पर्श को उमड़ रहा जनसैलाब, जनकपुर में अनुष्ठान; बिहार तक छोड़ने आएंगे लोग
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अयोध्या के निर्माणाधीन राम मंदिर में स्थापित की जाने वाली मूर्तियों के लिए नेपाल की काली गंडकी नदी से 2 शालिग्राम शिलाएं निकालकर लाई जा रही हैं. 127 क्विंटल वजनी दोनों देवशिलाएं शनिवार देर रात को मिथिला नगरी जनकपुरधाम पहुंच गईं. जहां उनके स्वागत नेपाली जनता का सैलाब उमड़ पड़ा. अब दो दिन तक जनकरपुर में अनुष्ठान किया जाएगा, फिर शिलाओं को अयोध्या भेजा जाएगा.
श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर की मूर्ति के लिए नेपाल से निकली देवशिला शनिवार देर रात को मिथिला नगरी जनकपुरधाम पहुंच गई. जनकपुरधाम के जानकी मंदिर प्रांगण में पहुंचने पर देवशिला का मुख्य महंत राम तपेश्वर दास ने स्वागत किया. इस मौके पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी थी.
जनकपुर के जानकी मंदिर परिसर में रात 11 बजे देवशिला का आगमन होते नेपाल के नागरिकों की भारी भीड़ उमड़ी. जनकपुर प्रवेश करने पर आम जनता ने शिला शोभा यात्रा का स्वागत किया.
नेपाल के सांसद मंत्रियों ने पंडितों की मौजूदगी में देवशिला को पूजा और वस्त्रदान किया. यही नहीं, शिला के आगमन पर कहीं शांतिपाठ तो कहीं वैदिक मंत्रोच्चार के साथ स्वागत किया गया.
इससे पहले नेपाल स्थित मुक्तिनाथधाम से पोखरा होते हुए जनकपुरधाम तक के रास्ते में पड़ने वाले हर शहर, हर गांव और कस्बा में शिला शोभा यात्रा का भव्य स्वागत किया गया. हर चौक चौराहों पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई. दर्शन के लिए हर उम्र और हर क्षेत्र के लोग आते रहे और देवशिला की पूजा करते रहे.
देवशिला का दर्शन करने आए श्रद्धालु कहीं भजन कीर्तन करते नजर आए, तो कहीं नाचना गाना चल रहा था. कहीं अगरबत्ती और धूप दीप दिखाई दे रही थी, तो कहीं लोग फल-फूल और वस्त्र दान करते नजर आए.
त्रेता युग से मिथिला और अयोध्या का संबंध रहा है और एक बार फिर अयोध्या में बनने वाली रामलला की मूर्ति के लिए उसी मिथिला की तरफ से देवशिला का सौंपा जाना युगों-युगों से चली आ रही परंपरा की निरंतरता है.