राजस्थान के रण में बिना कप्तान उतरेगी कांग्रेस, पायलट को अपने पक्ष में लग रहा फैसला, गहलोत खेमा क्यों खुश?
AajTak
राजस्थान को लेकर बड़ी बैठक के बाद कांग्रेस ने ये ऐलान कर दिया कि पार्टी विधानसभा चुनाव में किसी चेहरे को आगे किए बिना जाएगी. सचिन पायलट को इसमें अपनी जीत नजर आ रही है. वहीं, अशोक गहलोत का खेमा भी खुश है. क्यों?
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट की रार कैसे सुलझेगी? कांग्रेस ने इसे लेकर 6 जुलाई को बड़ी बैठक बुलाई थी. कांग्रेस मुख्यालय में हुई इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे. इस बैठक के बाद जो सबसे बड़ी बात निकल कर आई, वो ये कि पार्टी ने बिना किसी चेहरे को आगे किए चुनाव मैदान में उतरने का फैसला ले लिया है.
राजस्थान को लेकर कांग्रेस का ये फैसला पायलट की जीत, गहलोत के लिए सख्त संदेश की तरह देखा जा रहा है. बैठक के बाद सचिन पायलट कांग्रेस मुख्यालय से निकले तो सभी मुद्दों पर सार्थक, व्यापक और अहम चर्चा की बात कही. उन्होंने कहा कि राजस्थान में फिर से कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए संगठन, मंत्री और विधायक मिलकर काम करेंगे. पायलट ने इससे ज्यादा कुछ नहीं कहा लेकिन उनके चेहरे की मुस्कान बता रही थी कि बैठक के नतीजे उनके लिए उत्साहजनक रहे हैं.
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने राजस्थान चुनाव में बिना सीएम फेस के उतरने का ऐलान किया. उन्होंने ये भी जोड़ा कि चेहरा आगे करके चुनाव लड़ना पार्टी की परंपरा नहीं रही है. ऐसा तब है जब कांग्रेस ने अभी कुछ ही दिन पहले छत्तीसगढ़ को लेकर हुई बैठक के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के चेहरे को आगे कर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था.
मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस का कमलनाथ के चेहरे पर चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है. राजस्थान के चुनावी रण में बगैर कैप्टन (सीएम फेस) के उतरने का फैसला किसके पक्ष में है? इस पर राजनीतिक विश्लेषक अमिताभ तिवारी ने कहा कि फैसले में अशोक गहलोत और सचिन पायलट का खेमा, दोनों को ही अपनी-अपनी जीत नजर आ रही है.
गहलोत खेमा क्यों खुश
कांग्रेस की बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे से लेकर राहुल गांधी तक, सबने योजनाओं की तारीफ तो की लेकिन गहलोत को नसीहतें भी खूब दीं. 'काल करे सो आज कर...' दोहा हो या कार्यकर्ता फर्स्ट का मंत्र, व्हीलचेयर से ममता के चुनाव लड़ने का वाकया याद दिलाना हो या एक-दूसरे को लेकर बयानबाजी बंद करने और दलितों पर अत्याचार के मामलों में सख्त एक्शन की हिदायत. अशोक गहलोत ही हिदायतों और नसीहतों के केंद्र में रहे. फिर भी गहलोत खेमा नेतृत्व के फैसले से खुश है.
सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में वोटों की गिनती जारी है. अरुणाचल प्रदेश के रुझानों में बीजेपी ने बहुमत हासिल कर लिया है. वहीं, सिक्किम में एसकेएम परचम लहराती दिख रही है. रुझानों में एसकेएम विपक्षी पार्टियों का सफाया करती हुई दिख रही है. सिक्किम में बीजेपी का खाता तक नहीं खुला है. आइए विधानसभा चुनाव परिणाम का अपडेट जानते हैं.
बंगाल के नादिया में BJP कार्यकर्ता हफीजुल शेख की गोली मारकर हत्या, हाल ही में भाजपा में हुए थे शामिल
पश्चिम बंगाल के नादिया में बीजेपी कार्यकर्ता हफीजुल शेख की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. हफीजुल ने कुछ समय पहले ही बीजेपी का हाथ थामा था. पीड़ित भाजपा कार्यकर्ता के परिवार ने दावा किया कि वह हाल ही में भाजपा में शामिल हुआ था, इसलिए उसकी हत्या की गई है.
देश में लोकसभा चुनाव के दौरान aajtak.in के रीडर्स ने विशेष प्रस्तुति के जरिए अपने-अपने मेनिफेस्टो तैयार किए जिसमें हजारों लोगों ने हिस्सा लिया. लोगों के इन मेनिफेस्टो में जो ट्रेंड देखने को मिला उसके मुताबिक भ्रष्टाचार देश में सबसे बड़ा मुद्दा है. 9 फीसदी लोगों ने अपने मेनिफेस्टो में भ्रष्टाचार पर कार्रवाई को पहले नंबर पर रखा. वहीं बेरोजगारी को भी उन्होंने अपने घोषणा पत्र में जगह दी.
आज सुबह की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 2 जून, 2024 की खबरें और समाचार: अरुणाचल प्रदेश की 50 विधानसभा सीटों के लिए हुए 19 अप्रैल को हुए विधानसभा चुनाव की मतगणना जारी है. मतगणना शुरू होने के बाद से ही बीजेपी ने बढ़त बनानी शुरू कर दी है. इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में फिर एक बार NDA की सरकार बनती दिख रही है. एग्जिट पोल के मुताबिक NDA को 361-401, INDIA को 131-166 और अन्य को 8-20 सीटें मिलने का अनुमान है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आज तिहाड़ जेल वापस लौटना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें चुनाव प्रचार के लिए तीन हफ्ते की अंतरिम जमानत दी थी. शनिवार को लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण की वोटिंग के साथ ही अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त हो गई है. शनिवार को अंतरिम जमानत याचिका पर स्थानीय अदालत ने 5 जून के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया है.