रवि सिन्हा होंगे RAW के नए चीफ... जानें कितनी 'खुफिया' होती है ये एजेंसी? क्या करती है काम?
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आजादी के बाद आईबी ही एकमात्र एजेंसी थी, जो बाहरी देशों की खुफिया जानकारियां इकट्ठा करने का काम करती थी. लेकिन 1962 में चीन के साथ जंग के बाद एक डेडिकेटेड बाहरी खुफिया जानकारियां इकट्ठा करने के लिए 1968 में रॉ का गठन किया गया. रॉ क्या काम करती है? इसके एजेंट कौन होते हैं? जानते हैं...
भारत की जासूसी एजेंसी RAW को नया चीफ मिल गया है. सीनियर आईपीएस अफसर रवि सिन्हा रॉ के नए प्रमुख होंगे. रवि सिन्हा इस समय रॉ में ऑपरेशनल विंग संभालते थे. अब वो एक जुलाई से रॉ चीफ का पद संभाल लेंगे. वे 1988 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस अफसर हैं. सोमवार को अपॉइंटमेंट कमेटी ने बतौर रॉ चीफ उनके नाम को मंजूरी दी है.
रवि सिन्हा को ऐसे समय में रॉ की कमान मिल रही है, जब पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान राजनीतिक और आर्थिक तौर पर अस्थिर है, विदेशों में खालिस्तानी समर्थक बढ़ रहे हैं और पूर्वोत्तर खासकर कि मणिपुर में डेढ़ महीने से हिंसा जारी है.
दिल्ली के सेंट स्टीफन्स कॉलेज से पढ़ाई करने वाले रवि सिन्हा को कई क्षेत्रों में काम करने का अनुभव है. रवि सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर के अलावा भारत के पड़ोसी मुल्कों, पूर्वोत्तर और वामपंथी उग्रवाद वाले इलाकों में भी काम किया है.
बता दें कि मौजूदा रॉ चीफ सामंत गोयल 30 जून को रिटायर हो रहे हैं. सामंत गोयल को जम्मू-कश्मीर का एक्सपर्ट माना जाता है. फरवरी 2019 में पुलवामा हमले के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक में भी सामंत गोयल की अहम भूमिका थी.
रॉ असल में बाहरी खुफिया एजेंसी है. इसका काम विदेशों में होने वाली एंटी-इंडिया एक्टिविटीज पर नजर रखना है. रॉ बेहद खुफिया एजेंसी है और इसके बारे में बहुत ही कम जानकारी पब्लिक डोमेन में मौजूद है.
कैसे बनी रॉ?
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