ये 2024 की बिसात है... जानें UPA वर्सेज NDA की टक्कर में कौन किसके साथ है?
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राजनीतिक घटनाक्रम के लिहाज से आज का दिन काफी अहम है. दरअसल एक ओर जहां बेंगलुरु में यूपीए दल शक्ति प्रदर्शन करेंगे तो वहीं दिल्ली में एनडीए दल भी एकजुट होकर अपनी ताकत का प्रमाण देंगे. इस दौरान दोनों ही गठबंधन लोकसभा चुनाव को लेकर एक-दूसरे के खिलाफ रणनीति तैयार करेंगे.
आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने के लिए पटना के बाद अब बेंगलुरु में विपक्षी दलों को जुटान हो रहा है. आज इस जुटान का दूसरा दिन है. यह बैठक सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगी. बताया जा रहा है कि इस बैठक में 26 दल शामिल हो रहे हैं. वहीं बीजेपी भी आज ही दिल्ली में एनडीए दलों के साथ बैठक कर अपनी ताकत का प्रदर्शन करेगी. विपक्ष को कमजोर करने की रणनीति पर भी बात होगी. इसके अलावा इस बैठक में कई पुरानी दलों की भी वापसी हो सकती है. एनडीए की इस बैठक में 38 दल शामिल होंगे. जानते हैं कि कौन-कौन से दल यूपीए और एनडीए के साथ हैं.
- कांग्रेस - टीएमसी - शिवसेना (UTB) - एनसीपी (शरद पवार) - सीपीआई - सीपीआईएम - जदयू - डीएमके - आम आदमी पार्टी - झारखंड मुक्ति मोर्चा - आरजेडी - समाजवादी पार्टी - नेशनल कॉन्फ्रेंस - पीडीपी - सीपीआई (ML) - आरएलडी - इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग - केरल कांग्रेस (M) - मनीथानेया मक्कल काची (MMK) - एमडीएमके - वीसीके - आरएसपी - केरला कांग्रेस - केएमडीके - एआईएफबी - अपना दल कमेरावादी
- 2024 के आम चुनावों के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की ड्रॉफ्टिंग और गठबंधन के लिए जरूरी कम्यूनिकेशन पॉइंट्स तैयार करने के लिए एक सब कमेटी स्थापित करना.
- पार्टियों के सम्मेलनों, रैलियों और दो दलों के बीच विरोधाभासों को दूर करने के लिए एक सब कमेटी बनाना
- राज्य के आधार पर सीट साझा करने के मामले पर चर्चा करना.
जम्मू के रियासी जिला अस्पताल में आतंकी हमले के बाल बच्चे भर्ती हैं. इन मासूम बच्चों को देखकर किसी का भी कलेजा फट सकता है. आतंकवादियों ने जो बर्बरता की है, उसके प्रमाण आप देख सकते हैं. श्रद्धालुओं ने जब आतंकवादी हमले की कहानी सुनाई, तो दिल दहल गया. आप उन आतंकवादियों की बर्बरता का अंदाजा नहीं लगा सकते.
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महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना भी मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से नाराज हो गई है. पार्टी के चीफ व्हिप श्रीरंग बारणे का कहना है कि उनकी पार्टी ने सात सीटें जीती हैं और बावजूद इसके उन्हें कोई कैबिनेट मंत्रालय नहीं दिया गया. उनका कहना है कि एनडीए के अन्य घटक दलों को कम सीट मिलने पर भी कैबिनेट में जगह मिली है.