यूपी में ई-बसों का सफर दो से पांच रुपये तक महंगा, 6 महीने में दूसरी बार बढ़ा किराया
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उत्तर प्रदेश में नगर परिवार निदेशालय (Urban Family Directorate) द्वारा शहरी क्षेत्र में ई बसों का संचालन किया जाता है. अब एक बार फिर इन ई बसों के किराये में बढ़ोत्तरी की गई है. यह किराया 6 महीने में दूसरी बार बढ़ाया गया है. इससे पहले फरवरी में यूपी रोडवेज ने किराए में वृद्धि की थी.
उत्तर प्रदेश में नगर परिवार निदेशालय द्वारा शहरी क्षेत्र में चलाई जाने वाली बसों का किराया बढ़ा दिया गया है. यह किराया 6 महीने में दो बार बढ़ाया गया है, जिसमें 2-5 रुपये की बढ़ोतरी की गई है. इससे पहले फरवरी में यूपी रोडवेज बसों का किराया बढ़ाया गया था. रोडवेज ने बसों के किराये में लगभग 24 प्रतिशत की वृद्धि की थी. किराया बढ़ाने का फैसला राज्य परिवहन प्राधिकरण ने लिया था.
जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के नगर परिवहन विभाग में ई-बसों का संचालन किया जाता है. अब इलेक्ट्रिक बसों में AC में सफर करने के लिए यात्रियों को दो से पांच रुपये अतिरिक्त किराया देना पड़ेगा. नगरीय परिवहन निदेशालय द्वारा जनवरी के बाद अगस्त में किराये में बढ़ोतरी कर दी गई है.
न्यूनतम 12 रुपये और अधिकतम 55 रुपये करने होंगे खर्च
अब ई बसों में यात्रियों को सफर करने के लिए न्यूनतम 12 रुपये और अधिकतम 55 रुपये खर्च करने पड़ेंगे. ई-बसों में किराया एक किलोमीटर के हिसाब से बढ़ा दिया गया है, जिसमें GST और एक्सीडेंट फंड को दूरी के अनुसार बढ़ाया गया. इसमें GST 50 पैसे और अधिकतम ढाई रुपये वसूले जाएंगे.
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उत्तर प्रदेश के सभी 14 शहरों में सिटी बसों का किराया समान करने की वजह से अलग-अलग दूरी के अनुसार किराया बढ़ा है. कहीं कहीं पर सिटी बस और इलेक्ट्रिक बस का किराया अलग अलग होता था, जिसकी वजह से विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती थी. इसके बाद इलेक्ट्रिक बसों की नई किराया सूची जारी की गई है. क्षेत्रीय प्रबंधक परिवहन निगम ने बताया कि ई-बसों का किराया बढ़ाया जाना प्रस्तावित था, जिसको अब शासन के द्वारा मुहर लगने के बाद बढ़ा दिया गया है.
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