यूपी की राजनीति में क्यों खास हैं भूमिहार
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यूपी में संभावित मंत्रिमंडल विस्तार और पीएम मोदी के करीबी पूर्व नौकरशाह अरविंद कुमार शर्मा की भूमिका को लेकर लगायी जा रही अटकलों ने अप्रत्यक्ष रूप में प्रदेश की राजनीति में भूमिहार जाति के प्रभाव की ओर भी इशारा किया है.
यूपी में संभावित मंत्रिमंडल विस्तार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी पूर्व नौकरशाह अरविंद कुमार शर्मा की भूमिका को लेकर लगायी जा रही अटकलों ने अप्रत्यक्ष रूप में प्रदेश की राजनीति में भूमिहार के प्रभाव की ओर भी इशारा किया है. भाजपा के कुछ नेता अरविंद कुमार शर्मा को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका देने की पैरवी कर रहे हैं. इन नेताओं का दावा है कि अरविंद कुमार शर्मा को प्रदेश सरकार में बड़ी भूमिका देने से पूर्वांचल में भूमिहार जाति के बीच अच्छा संदेश जाएगा. मऊ के रहने वाले और 1988 बैच के गुजरात कॉडर के पूर्व आइएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा लंबे प्रशासनिक अनुभव के जरिये विकास कार्यों को और तेजी देने के साथ ही कार्यकर्ताओं में प्रशासनिक अमले को लेकर व्याप्त शिकायतों को दूर करने की पैरवी भी भाजपा नेता कर रहे हैं. अरविंद कुमार शर्मा के चर्चा में बने रहने के पीछे एक बड़ी वजह इनकी भूमिहार जाति है. वैसे तो मौजूदा भाजपा मंत्रिमंडल में दो बड़े भूमिहार नेता के रूप में कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही और बलिया से मंत्री उपेंद्र तिवारी हैं. कभी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल रहे पूर्व सांसद मनोज सिन्हा के जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर बनने के बाद से पूर्वांचल में भूमिहारों के कद्दावर व सक्रिय नेता की कमी खल रही थी. पूर्वांचल के कुछ भाजपा नेताओं का मानना है कि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में कोरोना काल के दौरान बचाव कार्य में उल्लेखनीय भूमिका अदा कर संक्रमण को थामने में अरविंद कुमार शर्मा की तारीफ है उसके बाद पार्टी पूर्वांचल में एक कद्दावर भूमिहार नेता के रूप में उन्हें सक्रिय कर सकती है.More Related News