यारों के यार थे राजू श्रीवास्तव, कानपुर में हों और इन 6 दोस्तों से न मिले... ऐसा कभी न हुआ
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राजू श्रीवास्तव का शरीर नश्वर जरूर हो गया है, लेकिन उनके चुटकुले, ठहाके और याराना आज भी कानपुर के लोगों के दिलो-दिमाग में जिंदा है. राजू के करीबी दोस्तों की लिस्ट लंबी है, लेकिन यह वह 6 किरदार हैं, जो राजू के बेहद करीब थे. हम आपको उन 6 साथी कलाकारों के बारे में बताएंगे, जो कानपुर में राजू के साथ हर पल गुजारते थे.
हंसी की दुनिया के बादशाह राजू श्रीवास्तव अब हमारे बीच में नहीं हैं. गजोधर भैया अपने यारों के यार थे. कानपुर में वे जब भी आते तो अपने साथी कलाकरों से जरूर मुलाक़ात करते थे. राजू पिछली बार कानपुर में 25 दिसम्बर को अपने जन्मदिन का समारोह मनाने ज्ञानेश मिश्रा के घर आए थे, जहा सभी साथियों का जमावड़ा लगा था. आज उनके निधन के बाद सभी दोस्त मायूस हैं. हम आपको उन 6 साथी कलाकारों के बारे में बताएंगे, जो कानपुर में राजू के साथ हर पल गुजारते थे.
इनमें सबसे पहला नाम है व्यापारी नेता ज्ञानेश मिश्रा ज्ञानेश. वह व्यापार मंडल के अध्यक्ष हैं. कानपुर में राजू श्रीवास्तव के साथ हर प्रोग्राम में स्टेज पर रहते थे. राजू के कई सामाजिक कार्यो में भी साथ रहते थे. ज्ञानेश, राजू के साथ 1982 में मुंबई भी गए थे, जहां उन्होंने राजू के साथ एक सीरियल में काम भी किया था. वह छोटा सा रोल भी उनके लिए यादगार है.
राजू के दूसरे सबसे करीबी दोस्त है संजय कपूर. संजय भाई तो राजू के उन दिनों के साथी हैं, जब वह राजू के साथ सुभाष स्मारक इंटर कालेज में साथ पढ़ने जाते थे. संजय का कहना है कि मैं राजू के साथ सबसे पहले मुंबई गया था, वहां हम दोनों ने साथ-साथ फिल्म सिटी में करियर शुरू किया था, लेकिन 84 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कानपुर में काफी बवाल मचा था तो मैं कानपुर लौट आया, राजू वहीं जमे रहे और हंसी के दुनिया के बादशाह बन गए. संजय की राजू के मोहल्ले में ही इलेक्ट्रॉनिक की दूकान है और राजू कानपुर में हों और संजय भाई के साथ न हो ये कभी नहीं हुआ.
राजू के तीसरे करीबी दोस्त हैं सिंगर महबूब भाई. जिन्होंने राजू भाई के साथ सैकड़ों स्टेज प्रोग्राम किए. महबूब, राजू के इसलिए अजीज थे क्योकि दोनों ही कानपुर से जुड़े थे और मुंबई फिल्म सिटी में भी साथ थे. महबूब भाई का कहना है कि राजू ने मुंबई में मेरा सपोर्ट किया था. महबूब भाई जब भी राजू के साथ स्टेज पर होते तो वह 'तेरे जैसा यार कहां, कहां ऐसा याराना' गाना जरूर गाते हैं.
राजू के चौथे दोस्त हैं अंशु भाई. गजल गायक अंशु भाई देश में कई बड़े प्रोग्राम में परफॉर्मेंस दे चुके हैं. राजू के साथ दर्जनों स्टेज शो कर चुके हैं. कानपुर का होने की वजह से राजू उनको कई बार सपोर्ट कर चुके थे. हाल में अंशु भाई बीमार हुए तो राजू मुंबई से उन्हें देखने के लिए कानपुर आ गए थे. अंशु भाई का कहना है कि आज कानपुर का शहंशाह चला गया.
राजू के पांचवें दोस्त हैं असत शर्मा. वह राजू को अपने गुरु द्रोणाचार्य के रूप में पूजते हैं. असत का कहना है कि राजू भाई के सामने मैंने पहला अपना स्टेज शो किया था, उन्होंने गले लगाकर मुझे आशीर्वाद दिया था, उसके बाद से आजतक वह मेरे गुरु द्रोणाचार्य ही थे, उन्होंने मुझे एंकरिंग के लिए बहुत सपोर्ट किया, वो आज भी मेरे गुरू हैं और रहेंगे.
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