
'मोनालिसा' को मिलेगा अपना अलग कमरा! देखने के लिए चुकानी होगी इतनी कीमत
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म्यूजियम को शुरुआत में सालाना करीब 40 लाख दर्शकों के हिसाब से तैयार किया गया था. लेकिन साल 2023 में ही यहां आने वालों का आंकड़ा 85 लाख के पार था और इनमें 90 फीसदी के आसपास विदेशी टूरिस्ट थे. इतनी बड़ी तादाद में दर्शकों की अगवानी के लिए लूव्र म्यूजियम छोटा पड़ता है.
दुनिया के मशहूर चित्रकार लियोनार्डो दा विंची की विश्व प्रसिद्ध पेंटिंग 'मोनालिसा' को अब नया कमरा मिलने वाला है. ये पेंटिंग फ्रांस के लूव्र म्यूजियम में रखी गई है लेकिन अब राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने म्यूजियम के विस्तार को मंजूरी दे दी है. मेक्रों के ऐलान के बाद योजना के तहत पेरिस में सीन नदी के करीब बने लूव्र म्यूजियम का नया गेट बनाया जाएगा ताकि यहां आने वाले दर्शकों को असुविधा न हो. सरकार का मानना है कि इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में सात हजार करोड़ से ज्यादा की रकम और दस साल का वक्त लगेगा.
दुनियाभर से आते हैं दर्शक
म्यूजियम के भीतर मोनालिसा को अलग कमरे के साथ-साथ की पेंटिंग देखने के लिए अलग से टिकट भी लेनी होगी. फिलहाल म्यूजियम में अमेरिका, चीन, स्पेन समेत यूरोपियन देशों से कई लोग सिर्फ मोनालिसा की मशहूर पेंटिंग ही देखने के लिए आते हैं, ऐसे में अलग टिकटिंग सिस्टम से उन्हें लंबी कतारों से नहीं गुजरना होगा. साथ ही अन्य कलाकृतियों को देखने आए दर्शकों को भी भारी भीड़ से निजात मिल सकेगी. यह 1980 के बाद पहला मौका है जब म्यूजियम में कुछ बदलाव किए जा रहे हैं.
म्यूजियम को शुरुआत में सालाना करीब 40 लाख दर्शकों के हिसाब से तैयार किया गया था. लेकिन साल 2023 में ही यहां आने वालों का आंकड़ा 85 लाख के पार था और इनमें 90 फीसदी के आसपास विदेशी टूरिस्ट थे. इतनी बड़ी तादाद में दर्शकों की अगवानी के लिए लूव्र म्यूजियम छोटा पड़ता है और इसकी बनावट भी आधुनिक मानकों पर खरी नहीं उतरती. इसी वजह से राष्ट्रपति मैक्रों ने म्यूजियम के विस्तार का फैसला लिया है ताकि फ्रांस की सांस्कृतिक धरोहर को दुनियाभर से देखने वाले दर्शकों को किसी तरह की दिक्कत न हो.
म्यूजियम की इमारत काफी पुरानी
फ्रांस के तमाम राजनेताओं और म्यूजियम मैनेजमेंट की ओर से समय-समय पर इमारत को विस्तार देने की मांग होती रही है. हाल ही में लूव्र म्यूजियम डायरेक्टर ने फ्रांस के कल्चरल मिनिस्टर को चिट्ठी लिखकर इमारत का ढांचा पुराना होने और यहां खाने-पीने से लेकर टॉयलेट्स के पर्याप्त इंतजाम न होने की बात कही थी. साथ ही इमारत में होने वाला जलरिसाव भी एक बड़ी समस्या है जिससे यहां प्रदर्शित की जाने वाली अन्य कलाकृतियों को नुकसाने होने की आशंका जताई गई थी.

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