मेवात में कौन भड़का रहा था हिंसा? सोशल मीडिया पर हर एक पोस्ट खंगालेगी हरियाणा सरकार
AajTak
अनिल विज ने कहा, नूंह में हिंसा भड़काने में सोशल मीडिया ने अहम भूमिका निभाई है. राज्य सरकार ने 21 जुलाई के बाद की सोशल मीडिया गतिविधियों की निगरानी के लिए एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है. फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किसी भी भड़काऊ पोस्ट की बारीकी से जांच की जाएगी.
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने मेवात-नूंह में सोमवार को हुई हिंसा को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया को जिम्मेदार ठहराया. इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने सोशल मीडिया पर 21 जुलाई से 31 जुलाई तक हुईं गतिविधियों की जांच करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. अनिल विज ने कहा, नूंह में हिंसा भड़काने में सोशल मीडिया ने अहम भूमिका निभाई है. राज्य सरकार ने 21 जुलाई के बाद की सोशल मीडिया गतिविधियों की निगरानी के लिए एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है. फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किसी भी भड़काऊ पोस्ट की बारीकी से जांच की जाएगी.
नूंह हिंसा: दंगाइयों ने जला दी महिला जज की कार, 3 साल की बेटी के साथ बस स्टैंड में छिपकर बचाई जान
अंधाधुंध फॉरवर्ड न करें कोई पोस्ट- अनिल विज
उन्होंने कहा कि कमेटी नफरत या गलत सूचना फैलाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करेगी. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे सोशल मीडिया का जिम्मेदारी से इस्तेमाल करें और भड़काऊ सामग्री पोस्ट करने से बचें. उन्होंने राज्य के लोगों से अपील की कि वे ऐसे किसी भी पोस्ट को अंधाधुंध फॉरवर्ड या शेयर न करें, क्योंकि हम सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रख रहे हैं.
वहीं, बजरंग दल के सदस्य मोनू मानेसर के वीडियो, जिसमें उसने नूंह में बृज मंडल यात्रा में शामिल होने की बात कही थी, उसे लेकर अनिल विज ने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि लोगों के घरों में आग लगा दी जाएगी, गाड़ियां जला दी जाएंगी, गोलियां चला दी जाएंगी. हालांकि विज ने कहा कि मौजूदा मामले में अगर मोनू की कोई भूमिका होगी तो उसे बख्शा नहीं जाएगा.
नूंह, पलवल, फरीदाबाद-सोहना में 5 अगस्त तक बंद रहेगा इंटरनेट, खट्टर ने RAF की 4 और कंपनियां मांगी
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है. उनका कहना है कि मणिपुर पिछले 1 साल से शांति की प्रतीक्षा कर रहा है. भागवत ने कहा कि संसद में विभिन्न मतों के बीच सहमति बनाना कठिन है, लेकिन यह आवश्यक है. उन्होंने समाज में फैल रही असत्य बातों और कलह पर भी चिंता जताई. मणिपुर में शांति लाने के लिए प्राथमिकता देने की जरूरत पर जोर दिया.