![मुश्किल में जिस मुस्लिम देश को सऊदी, UAE ने भी छोड़ा अकेला, उसके लिए भारत का बड़ा कदम](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202301/abdel-sixteen_nine.jpg)
मुश्किल में जिस मुस्लिम देश को सऊदी, UAE ने भी छोड़ा अकेला, उसके लिए भारत का बड़ा कदम
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मिस्र खाड़ी देशों का लाडला हुआ करता था लेकिन अब ये देश उसे संकट में पड़ा देख पीछा छुड़ा रहे हैं. मिस्र गंंभीर आर्थिक संकट में है. ऐसे में भारत उसकी काफी मदद कर रहा है. भारत ने इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्तेह अल-सिसी को बतौर चीफ गेस्ट बुलाने का फैसला किया है.
खाड़ी देशों के बीच अपनी पकड़ रखने वाला देश मिस्र वर्तमान में गंभीर आर्थिक संकट झेल रहा है. पिछले साल मार्च में मिस्र की करेंसी पाउंड ने अपना आधा मू्ल्य खो दिया. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मिस्र की मुद्रास्फीति बढ़कर 24.4 प्रतिशत तक हो गई है. देश पर बाहरी कर्ज बढ़कर करीब 170 अरब डॉलर हो गया है. ऐसी हालत में मिस्र को मदद करने वाले सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत आदि देश उससे पीछा छुड़ा रहे हैं. मिस्र अब अलग-थलग पड़ गया है.
लेकिन भारत ने मिस्र को लेकर अपना दिल बड़ा किया है. दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र अपने गणतंत्र दिवस के मौके पर मिस्र को अपने यहां आमंत्रित कर रहा है.
बतौर चीफ गेस्ट भारत पहुंचेंगे मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्तेह अल-सिसी
भारत अपने गणतंत्र दिवस के मौके पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी को बतौर चीफ गेस्ट आमंत्रित कर रहा है. राष्ट्रपति के साथ 120 सदस्यों का एक दल भी आएगा जो 26 जनवरी के परेड में कर्तव्य पथ पर मार्च करेगा. यह पहली बार हो रहा है कि मिस्र का कोई दल भारत के गणतंत्र दिवस के परेड में हिस्सा ले रहा है.
संकट में पड़े मिस्र को भारत की तरफ से भी मिली है बड़ी मदद
रूस और यूक्रेन का गेहूं का सबसे बड़ा आयातक मिस्र उस वक्त और मुश्किल में पड़ गया जब दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ गया. वैश्विक बाजार में गेहूं की किल्लत हो गई जिससे इसके दाम आसमान छूने लगे. ऐसे समय में भारत मिस्र की मदद को सामने आया. उसने मिस्र को रियायती दरों पर सैकड़ों टन गेहूं उपलब्ध कराया. बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबक, अप्रैल 2022 में भारत-मिस्र के बीच दस लाख टन गेहूं की सप्लाई को लेकर बात हुई थी.