
मुंबई: पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह पर बिजनेसमैन से रंगदारी मांगने का आरोप, CID दर्ज कर सकती है केस
AajTak
आजतक को मिली जानकारी के अनुसार कारोबारी सोनू जालान द्वारा परमबीर सिंह पर लगाए गए रंगदारी के आरोपों को सही साबित करने के लिए सबूत जमा किए गए हैं. इन्हीं सबूतों की जांच CID द्वारा की जा रही है. इसके बाद CID के अधिकारी इस संबंध में परमबीर सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर सकते हैं.
महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं. हाल ही में तीन उद्योगपतियों ने आरोप लगाया था कि उनसे परमबीर सिंह ने रंगदारी वसूली थी. कारोबारी सोनू जालान, केतन मनसुखलाल तन्ना और मुनीर अहमद पठान ने महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक को एक पत्र लिखा था कि परमबीर सिंह ने ठाणे में पुलिस कमिश्नर के पद पर रहते हुए उनसे करोड़ों रुपये की वसूली की थी. इसी मामले में महाराष्ट्र CID जांच कर रही है. CID को सोनू जालान और केतन तन्ना द्वारा जो सबूत मुहैया कराए गए हैं, CID द्वारा उनकी जांच की जा रही है. मिली जानकारी के अनुसार इन सबूतों में ऑडियो रिकॉर्डिंग, फोन रिकॉर्डिंग समेत गवाहों के बयान आदि साक्ष्य हैं.
भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.









