महात्मा गांधी के पोते से थी Arvind Trivedi की राजनीतिक लड़ाई, चुनाव में 'रावण' की हुई थी जीत
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अरविंद त्रिवेदी ने गुजरात के साबरकांठा लोकसभा सीट से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था. उन्होंने अपने चुनावी कैंपेन में 'राम मंदिर' का मुद्दा रखा था. राम मंदिर का मुद्दा आज भी बहस का सबसे बड़ा मुद्दा है. और रामायण जैसे लोकप्रिय धारावाहिक से पॉपुलर होने के बाद अधिकांश वोट 'रावण' के हक में नजर आ रहे थे.
लंकाधिपति 'लंकेश' या कहें 'रावण' बनकर जनता के दिल में गहरी छाप छोड़ने वाले अरविंद त्रिवेदी का 82 की उम्र में निधन हो गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक अरविंद लंबे समय से बीमार थे और बीती रात दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्होंने अंतिम सांसे लीं. अरविंद ने बड़े और छोटे पर्दे पर कई किरदार निभाए और रावण के पात्र से पहचान प्राप्त की. अपने करियर के सुनहरे दौर को जीने के बाद अरविंद ने राजनीतिक खेमे में भी झंडे गाड़े थे.
1987-1988 तक प्रसारित रामायण ने शो के कलाकारों को ख्याति मिली. सीता के रोल में दीपिका चिखलिया को भारत की जनता माता सीता का दर्जा देने लगे. उन्होंने अभिनय के बाद राजनीति का रुख किया और उन्हीं के साथ-साथ 'लंकेश' यानी अरविंद त्रिवेदी भी राजनीति के अखाड़े में उतरे.