मनीष सिसोदिया बोले- देशभक्ति को लेकर कॉम्पिटिशन करें राजनीतिक दल
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दिल्ली का बजट पेश करने के बाद डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने इसे देशभक्ति बजट बताया. आजतक से खास बातचीत में मनीष सिसोदिया ने देशभक्ति योजनाओं, ऑलंपिक खेलों में आवेदन की तैयारी, पेट्रोल-डीजल के दाम और उपराज्यपाल को अधिक पावर के सवालों के जवाब दिए.
दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने बजट पेश किया था जिसे खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी देशभक्त बजट बताया था. अब इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई है. आजतक से खास बातचीत में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने देशभक्ति योजनाओं, ओलंपिक खेलों में आवेदन की तैयारी, पेट्रोल-डीजल के दाम और उपराज्यपाल को पावर से जुड़े सवालों के भी जवाब दिए. क्या आम आदमी पार्टी (एएपी) देशभक्ति बजट के जरिए देशभर में राजनीतिक जमीन तलाश रही है? इस सवाल के जवाब में मनीष सिसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी का एक एक कार्यकर्ता कट्टर देशभक्त है. एएपी देश में भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंकने के आंदोलन से जन्मी पार्टी है. उन्होंने कहा कि एएपी तो चाहती है कि देशभर में देशभक्ति की बात हो. हम चाहते हैं कि भ्रष्टाचार, जाति-पाति के झगड़े, धर्म की लड़ाई खत्म हो और शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, खेल की बातें हों.1 जून यानी कल चुनाव का आखिरी दौर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर ध्यानमग्न हैं. 2019 में फाइनल राउंड से पहले प्रधानमंत्री ने केदारनाथ में 17 घंटे तक साधना की थी. इस बार पीएम 45 घंटे तक ध्यान में हैं. पीएम विवेकानंद रॉक मेमोरियल के ध्यान मंडपम में कल शाम से ध्यान पर हैं, जो कल शाम 6 बजकर 45 मिनट तक चलेगा. पीएम की साधना तस्वीरें आ गई हैं. विवेकानंद मेमोरियल रॉक के ध्यान मंडपम में पीएम ध्यान में हैं. इसके अलावा वो सूर्य नमस्कार करते हुए भी नजर आ रहे हैं.
कई इलाकों में लोगों को पानी के टैंकरों के पीछे बाल्टी और पाइप लेकर दौड़ते देखा जा सकता है. पानी का टैंकर देखते ही लोग उस पर झपट पड़ते हैं जिसके कई वीडियो सामने आए हैं. लोग लंबी-लंबी लाइनों में लगे हुए हैं. संकट इतना बड़ा है कि गुरुवार को दिल्ली सरकार को इमरजेंसी बैठक बुलानी पड़ी. इसके अलावा पानी की बर्बादी पर जुर्माना लगाया ही जा चुका है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कन्याकुमारी में ध्यान कर रहे हैं. ठीक 131 साल पहले उसी जगह एक और नरेंद्र ने ध्यान लगाया था और वहां ध्यान करने के बाद वो शिकागो (अमेरिका) में विश्व धर्म संसद में भाषण देने के लिए पहुंचे थे. बाद में आगे चलकर दुनिया ने उन्हें स्वामी विवेकानंद के नाम से जाना. कन्याकुमारी में उनके ध्यान ने हिंदू धर्म की रूपरेखा बदल दी थी.