
मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद: साइंटिफिक सर्वे की मांग पर 22 सितंबर को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
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मालूम हो कि काशी और मथुरा का विवाद भी कुछ-कुछ अयोध्या की तरह ही है. हिंदुओं का दावा है कि काशी और मथुरा में औरंगजेब ने मंदिर तुड़वाकर वहां मस्जिद बनवाई थी. औरंगजेब ने 1669 में काशी में विश्वनाथ मंदिर तुड़वाया था और 1670 में मथुरा में भगवा केशवदेव का मंदिर तोड़ने का फरमान जारी किया था.
मथुरा के शाही ईदगाह में ज्ञानवापी परिसर जैसे साइंटिफिक सर्वे की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर 22 सितंबर को सुनवाई होगी. जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस शुधांशु धूलिया की बेंच सुनवाई करेगी. कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. जुलाई में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह की साइंटिफिक सर्वे कराने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था.
कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. याचिका में ट्रस्ट ने 1968 में हुए समझौते की वैधता के खिलाफ तर्क देते हुए इसे दिखावा और धोखाधड़ी बताया है. याचिका मे कहा गया है कि भूमि को आधिकारिक तौर पर 'ईदगाह' नाम के तहत पंजीकृत किया ही नहीं जा सकता है क्योंकि इसका टैक्स 'कटरा केशव देव, मथुरा' के उपनाम के तहत एकत्र किया जा रहा है. श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष आशुतोष पांडेय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद क्या है?
मालूम हो कि काशी और मथुरा का विवाद भी कुछ-कुछ अयोध्या की तरह ही है. हिंदुओं का दावा है कि काशी और मथुरा में औरंगजेब ने मंदिर तुड़वाकर वहां मस्जिद बनवाई थी. औरंगजेब ने 1669 में काशी में विश्वनाथ मंदिर तुड़वाया था और 1670 में मथुरा में भगवा केशवदेव का मंदिर तोड़ने का फरमान जारी किया था. इसके बाद काशी में ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद बना दी गई.
मथुरा का ये विवाद कुल 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक से जुड़ा है. दरअसल, श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है जबकि ढाई एकड़ जमीन का मालिकाना हक शाही ईदगाह मस्जिद के पास है. हिंदू पक्ष शाही ईदगाह मस्जिद को अवैध तरीके से कब्जा करके बनाया गया ढांचा बताता है और इस जमीन पर भी दावा किया गया है. हिंदू पक्ष की ओर से शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने और ये जमीन भी श्रीकृष्ण जन्मस्थान को देने की मांग की गई है.

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