मणिपुर में महिलाओं पर जुल्म के वायरल वीडियो पर पीएम मोदी की दो टूक, SC का सख्त सवाल और सियासी बवाल
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मणिपुर में दो महिलाओं के साथ दरिंदगी की घटना ने पूरे देश में विचलित कर दिया है. इस घटना ने पीएम नरेंद्र मोदी की चुप्पी तोड़ दी है, जो मणिपुर हिंसा में पिछले 78 दिन से मौन थे. वहीं विपक्ष ने पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, सीएम एन बीरेन सिंह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को अपने निशाने पर कर लिया है. वह पीएम, सीएम और ईरानी से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले का संज्ञान ले लिया है.
देश की राजधानी दिल्ली से 2500 किलोमीटर दूर हमारे ही एक राज्य मणिपुर से एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसे देखकर पूरा देश शर्मसार है. ये वीडियो है 79 दिन से हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर का. ये हिंसा और उपद्रव का ऐसा वीडियो है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस वीडियो में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर ले जाती हुई भीड़ दिख रही है. इन महिलाओं पर जुल्म का ये दृश्य मणिपुर से लेकर दिल्ली तक समूचे भारत को शर्मसार कर रहा है.
ये घटना 4 मई की है, लेकिन इसका वीडियो कल यानी 19 जुलाई को सामने आया है. इस जुल्म का मुख्य आरोपी अब जाकर गिरफ्तार हुआ है. ये वीडियो महिलाओं की स्थिति, समाज की सुरक्षा और हिंसा पर कंट्रोल को लेकर कई सवाल खड़े करता है. महिलाओं के साथ ऐसी शर्मनाक हरकत को लेकर विपक्ष ने राज्य और केंद्र सरकार को घेर लिया है. कांग्रेस ने पीएम की चुप्पी और सीएम एन बीरेन सिंह पर भी सवाल खड़े किए हैं. वहीं सियासी बवाल के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को इस घटना पर दुख जताते हुए दोषियों पर कठोर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है. इधर सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकारों से जवाब मांगा है.
कूकी महिलाओं से दरिंदगी के मामले में पुलिस ने 21 जून को FIR दर्ज की थी. जो शिकायत दर्ज की गई है, उसके मुताबिक 4 मई की दोपहर करीब 3 बजे 800-1000 लोग बी. फेनोम गांव में घुस आए थे. उन्होंने गांव में तोड़फोड़ करने, संपत्तियां लूटने के बाद घरों को आग लगा दी थी. इस दौरान पांच लोग खुद को बचाने के लिए जंगल में भाग गए थे. इनमें दो पुरुष और तीन महिलाएं शामिल थीं. उनमें 56 वर्षीय एक व्यक्ति, उसका 19 वर्षीय बेटा और 21 वर्षीय बेटी के अलावा 42 वर्षीय और 52 वर्षीय महिलाएं भी शामिल थीं. बाद में पुलिस ने उन्हें जंगल से रेस्क्यू कर लिया था.
पुलिस जब उन्हें अपने साथ लेकर आ रही थी, तभी नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन से दो किमी दूर टूबू के पास भीड़ ने उन्हें रोक लिया था और लोगों को अपने साथ खींच ले गए थे. इस दौरान भीड़ ने 56 वर्षीय एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी. इसके बाद तीनों महिलाओं के कपड़े उतरवा दिए थे. इसके बाद भीड़ में से ही कुछ लोगों ने 21 वर्षीय युवती का गैंगरेप कर दिया था.युवती के छोटे भाई ने जब इसका विरोध किया तो भीड़ ने उसकी भी हत्या कर दी थी. इस बीच एक महिला भाग निकली. हालांकि भीड़ ने बची दोनों महिलाओं को निर्वस्त्र की सड़क पर घुमाया और एक खेत में ले जाकर छोड़ दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता. मणिपुर पर मेरा हृदय पीड़ा और क्रोध से भरा है. मणिपुर की घटना जो सामने आई है, किसी भी सभ्य समाज के लिए यह शर्मसार करने वाली है. पाप करने वाले, गुनाह करने वाले कितने हैं, कौन हैं, यह बात अपनी जगह पर हैं, लेकिन बेइज्जती पूरे देश की हो रही है. 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है.
मैं सभी मुख्यमंत्रियों से आग्रह करता हूं कि वे अपने राज्य में कानून व्यवस्था को और मजबूत करें. खासकर हमारी माताओं और बहनों की सुरक्षा के लिए कठोर से कठोर कदम उठाएं. घटना चाहें राजस्थान की हो, छत्तीसगढ़ की हो या मणिपुर की हो. इस देश में हिंदुस्तान के किसी भी कोने में किसी भी राज्य सरकार में राजनीति से ऊपर उठकर के कानून व्यवस्था महत्व और नारी सम्मान होना चाहिए. मैं देशवासियों को भरोसा दिलाना चाहता हूं किसी भी गुनहगार को बख्शा नहीं जाएगा. कानून अपनी पूरी शक्ति से एक के बाद एक कदम उठाएगा.
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