
मणिपुर: कुकी--जो समुदाय ने की अलग प्रशासन की मांग, हजारों लोगों ने सड़कों पर उतर किया प्रदर्शन
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कूकी-जो समुदाय के लोगों ने रैली के बाद, मणिपुर हिंसा के राजनीतिक समाधान की मांग करते हुए एक ज्ञापन चुराचांदपुर के उपायुक्त धारुन कुमार के माध्यम से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सौंपा. इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने इन रैलियों का आयोजन किया था.
हिंसाग्रस्त मणिपुर में कुकी-जो समुदाय ने अपने लिए अलग प्रशासन की मांग की है. इस संबंध में सोमवार को समुदाय के हजारों लोगों ने चुराचांदपुर, कांगपोकपी और टेंग्नौपाल जिलों में रैलियां आयोजित कीं. उनका कहना है कि हिंसा प्रभावित राज्य में शांति स्थापित करने के लिए उनकी मांग पर सरकार को ध्यान देना चाहिए. उन्होंने पड़ोसी देश म्यांमार के साथ मुक्त आवाजाही व्यवस्था को रद्द करने के केंद्र सरकार के फैसले का भी विरोध किया.
केंद्र सरकार ने इस साल फरवरी में भारत-म्यांमार सीमा के 1600 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में बाड़ लगाने का फैसला किया था और ओपन मूवमेंट सिस्टम को समाप्त कर दिया था. भारत के पूर्वोत्तरी हिस्से के चार राज्यों- अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय और नागालैंड की सीमा म्यांमार के साथ लगती है. अब तक इधर के लोग म्यांमार की सीमा में और वहां के लोग भारतीय सीमा में बिना किसी रोकटोक के आते जाते थे.
कूकी-जो समुदाय के लोगों ने रैली के बाद, मणिपुर हिंसा के राजनीतिक समाधान की मांग करते हुए एक ज्ञापन चुराचांदपुर के उपायुक्त धारुन कुमार के माध्यम से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सौंपा. इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने इन रैलियों का आयोजन किया था. कुकी-जो समुदाय के लोगों ने चुराचांदपुर जिले में पब्लिक ग्राउंड से पीस ग्राउंड तक लगभग 3 किमी तक मार्च निकाला और 'राजनीतिक समाधान नहीं, तो शांति नहीं' जैसे नारे लगाए.
मुद्दों को सुलझाने में सीधे शामिल हो सरकार
सैकोट से भाजपा विधायक पाओलीनलाल हाओकिप ने इस बात पर जोर दिया कि मणिपुर में स्थायी शांति के लिए, केंद्र सरकार को मैतेई और कुकी-जो समुदायों के मुद्दों को सुलझाने में सीधे शामिल होना चाहिए. उन्होंने कहा, 'हमने विभिन्न केंद्रीय चैनलों के माध्यम से लगातार शांति की मांग की है, फिर भी इस बारे में कोई स्पष्ट संदेश नहीं मिला है'. इसके साथ ही कांगपोकपी जिले में, आदिवासी एकता समिति (Committee on Tribal Unity) ने थॉमस ग्राउंड में एक रैली आयोजित की.
मणिपुर में पिछले साल 3 मई से जारी है हिंसा इस रैली में जिले भर के कुकी-जो लोगों ने 'राजनीतिक समाधान' की वकालत करते हुए पोस्टर और बैनर प्रदर्शित किए. रैली के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए दोनों जिलों में कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए थे. केंद्रीय और राज्य बलों को तैनात किया गया था. इसके अतिरिक्त, कुकी इंपी टेंग्नौपाल द्वारा टेंग्नौपाल जिले में भी इसी तरह की रैली आयोजित की गई. बता दें कि मणिपुर 3 मई, 2023 से जातीय हिंसा से प्रभावित है, जिसमें कम से कम 221 लोग मारे गए हैं और 50,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. राज्य में कुकी-जो और मैतेई समुदाय आमने-सामने हैं.

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