
भारत को ट्रंप से बड़ी राहत, चाबहार पोर्ट पर अमेरिकी प्रतिबंधों से मिली छूट
AajTak
रूस के कच्चे तेल की वजह से भारत और अमेरिका के रिश्तों में बढ़ा तनाव कम होता नजर आ रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को बड़ी राहत दी है. अमेरिका ने ईरान स्थित चाबहार पोर्ट परियोजना के लिए प्रतिबंधों से छूट की अवधि बढ़ा दी है. बता दें कि अमेरिका ने पहले ईरान से जुड़े पोर्ट पर प्रतिबंध छूट रद्द करने की समयसीमा 29 सितंबर तय की थी, लेकिन अब इसे कुछ महीनों के लिए बढ़ा दिया गया है.
रूस के कच्चे तेल की वजह से भारत और अमेरिका के रिश्तों में बढ़ा तनाव कम होता नजर आ रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को बड़ी राहत दी है.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि अमेरिका ने ईरान स्थित चाबहार पोर्ट परियोजना के लिए प्रतिबंधों से छूट की अवधि बढ़ा दी है. चाबहार पोर्ट पर अमेरिकी प्रतिबंध से भारत को मिली छह महीने की छूट मिली है.
चाबहार पोर्ट पर अमेरिकी छूट की मियाद 27 अक्टूबर को खत्म हो गई थी. भारत ने 2024 से ईरान के साथ एक दशक के लिए चाबहार बंदरगाह के प्रबंधन का समझौता कर रखा है. भारत ने इसके विकास पर बहुत ज्यादा निवेश किया हुआ है.
भारत ने मई 2024 में ईरान के साथ 10 साल का समझौता किया था, जिसके तहत भारतीय पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (IPGL) ने शाहिद बेहेश्ती टर्मिनल का संचालन अपने हाथ में लिया था. यह पहली बार था जब भारत ने किसी विदेशी बंदरगाह का प्रबंधन संभाला. इससे पहले 2016 का समझौता हर साल नवीनीकृत किया जाता रहा था.
चाबहार पोर्ट भारत के लिए बेहद अहम है क्योंकि यह पाकिस्तान को बाईपास करते हुए अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक सीधा व्यापार मार्ग उपलब्ध कराता है. भारत ने 2003 में इस प्रोजेक्ट का प्रस्ताव दिया था ताकि इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर के जरिए क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत किया जा सके.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.






