
ब्रेन सर्जरी के बाद सद्गुरु की हालत में सुधार, खराब तबीयत के बावजूद निभाया था India Today Conclave में आने का वादा
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ईशा फाउंडेशन ने कहा कि सद्गुरु जग्गी वासुदेव की ब्रेन सर्जरी की गई थी और अब वह तेजी से ठीक हो रहे हैं. 15 मार्च को सद्गुरु का एमआरआई स्कैन हुआ था, जिसमें उनके ब्रेन में बड़े पैमाने पर ब्लीडिंग देखने को मिली थी. हालांकि, पूरी तरह स्वस्थ नहीं होने के बावजूद भी उन्होंने अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों को रद्द करने से इनकार कर दिया, जिसमें इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में उनका सत्र भी शामिल था.
आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव अपनी ब्रेन सर्जरी के बाद तेजी से रिकवर हो रहे हैं. ईशा फाउंडेशन ने बुधवार को एक बयान में बताया कि गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करने के बावजूद सद्गगुरु ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2024 में भाग लेने का अपना वादा निभाया था. ईशा फाउंडेशन के मुताबिक 15 मार्च को सद्गुरु का एमआरआई स्कैन हुआ था, जिसमें उनके ब्रेन में बड़े पैमाने पर ब्लीडिंग देखने को मिली थी.
हालांकि, पूरी तरह स्वस्थ नहीं होने के बावजूद भी उन्होंने अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों को रद्द करने से इनकार कर दिया, जिसमें इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में उनका सत्र भी शामिल था. ईशा फाउंडेशन के मुताबिक उन्होंने दर्द निवारक दवाएं लेकर इसमें भाग लिया. संस्था ने अपने बयान में कहा, 'सद्गुरु पिछले चार सप्ताह से गंभीर सिरदर्द से पीड़ित थे... 14 मार्च, 2024 की दोपहर जब वह दिल्ली पहुंचे तो सिरदर्द बेहद गंभीर हो गया. उसी दिन शाम 4.30 बजे सद्गुरु का तत्काल एमआरआई किया गया, जिसमें उनके मस्तिष्क में बड़े पैमाने पर रक्तस्राव का पता चला'.CAA और वन नेशन-वन इलेक्शन के समर्थन में खुलकर बोले सद्गुरु, पढ़ें- क्या-क्या कहा
ईशा फाउंडेशन ने आगे कहा कि उनकी तत्काल ब्रेन सर्जरी की गई और अब वह तेजी से ठीक हो रहे हैं. 16 मार्च को इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में भाग लेते हुए, सद्गुरु ने नागरिकता संशोधन अधिनियम सहित कई विषयों पर बात की. वह सीएए के मुखर समर्थक रहे हैं. उन्होंने इस कानून के नियमों के लागू होने का स्वागत किया, और कहा कि इसे बहुत पहले हो जाना चाहिए था. सद्गुरु ने कहा कि सीएए भारत में किसी के साथ धार्मिक भेदभाव नहीं करता है, बल्कि हमारे कुछ पड़ोसी देशों में धार्मिक आधार पर भेदभाव के शिकार हुए लोगों को संरक्षण प्रदान करता है.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में सद्गुरु ने CAA पर की थी बात
सद्गुरु ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना के शिकार शरणार्थियों के बारे में कहा, 'पिछले 75 वर्षों में उनलोगों ने बुरा से बुरा सहा. कई लोग 30-40 वर्ष पहले उधर से इधर आ गए. लेकिन वे अभी तक इस देश में शरणार्थी ही थे. क्या हमें शर्म नहीं आनी चाहिए? ऐतिहासिक भूल के कारण जब देश बंटा, इस दौरान कई लोग गलत साइड में रह गए. बाद में उन्होंने कोशिश की कि हम सही देश में चले जाएं. वह 30-40 साल पहले इधर आ गए. लेकिन उन्हें अभी तक नागरिकता नहीं मिली. उन्हें हमारे देश में कोई अधिकार नहीं मिला, जिस पर हमें शर्म आनी चाहिए. सीएए पर कोई विवाद है ही नहीं, बल्कि इसे लागू करने में इतनी देरी हमारे लिए शर्म की बात है'.
हम कलयुग में नहीं, द्वापर युग में जी रहे हैं, सद्गुरु ने समझाया कैसे

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