ब्रिटेन से कोहिनूर लाने के लिए अभियान चलाएगा भारत, जानिए दिल्ली में क्या बन रहा प्लान?
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ब्रिटेन में रखे भारतीय कोहिनूर हीरे को वापस लाने को लेकर मोदी सरकार अभियान चलाने जा रही है. इस बारे में दिल्ली में अफसर एक रणनीति बना रहे हैं और कूटनीतिक तौर पर कोहिनूर हीरे और अन्य मूर्तियों को भारत लाने का प्रयास किया जाएगा. भारत का यह हीरा ब्रिटेन के कब्जे में है.
ब्रिटेन के संग्रहालयों में रखे भारत के कोहिनूर हीरा और अन्य मूर्तियों समेत औपनिवेशिक युग की कलाकृतियों को वापस लाने के लिए जल्द ही मोदी सरकार प्रत्यावर्तन अभियान चलाने की योजना बना रहा है. सरकार की तरफ से कहा गया है कि इसके लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं. एक ब्रिटिश मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.
'द डेली टेलीग्राफ' अखबार का दावा है कि यह मुद्दा नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है. ऐसे में भारत और ब्रिटेन के बीच कूटनीतिक और व्यापार वार्ता में यह मसले उठाए जाने की संभावना है. जानकारी के मुताबिक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) स्वतंत्रता के बाद से देश के बाहर 'तस्करी' की गई वस्तुओं को फिर से हासिल करने के लिए प्रयासों में जुटा है.
'राजनयिक के साथ समन्वय किया जा रहा है'
माना जाता है कि नई दिल्ली में अधिकारी जब्त की गई कलाकृतियों को लेकर लंदन में राजनयिकों के साथ कोआर्डिनेशन कर रहे हैं, ताकि औपनिवेशिक शासन के दौरान 'युद्ध की लूट' के रूप में जब्त की गईं या एकत्रित की गईं इन कलाकृतियों को रखने वाले संस्थानों से औपचारिक अनुरोध किया जा सके.
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है- प्रत्यावर्तन का लंबा काम सबसे आसान लक्ष्य, छोटे संग्रहालयों और निजी संग्रह कर्ताओं के साथ शुरू होगा, जो स्वेच्छा से भारतीय कलाकृतियों को सौंपने के इच्छुक हो सकते हैं और फिर बड़े संस्थानों और शाही संग्रहों के लिए प्रयास किए जाएंगे.
'ये राष्ट्रीय पहचान का हिस्सा हैं'
‘जिस घर में कील लगाते जी दुखता था, उसकी दीवारें कभी भी धसक जाती हैं. आंखों के सामने दरार में गाय-गोरू समा गए. बरसात आए तो जमीन के नीचे पानी गड़गड़ाता है. घर में हम बुड्ढा-बुड्ढी ही हैं. गिरे तो यही छत हमारी कबर (कब्र) बन जाएगी.’ जिन पहाड़ों पर चढ़ते हुए दुख की सांस भी फूल जाए, शांतिदेवी वहां टूटे हुए घर को मुकुट की तरह सजाए हैं. आवाज रुआंसी होते-होते संभलती हुई.
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