ब्रिटेन का PM बनने के बाद ऋषि सुनक की पहली प्रतिक्रिया, बोले- पिछली गलतियों को सुधारूंगा
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ऋषि सुनक को ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बना दिया गया है. प्रधानमंत्री बनते ही सुनक ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में एक वादा किया है. उन्होंने जोर देकर कहा है कि पहले जो भी गलतियां हुई हैं, वे उन्हें सुधारने के लिए काम करने वाले हैं. वे हर चुनौती का निडरता से सामना करेंगे और देश को नई ऊंचाई पर लेकर जाएंगे.
ब्रिटेन के इतिहास में ऋषि सुनक ने अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों से दर्ज करवा लिया है. वे ब्रिटेन के भारतीय मूल वाले प्रधानमंत्री बन गए हैं. किंग चार्ल्स की तरफ से उन्हें सरकार बनाने का न्याता भी दे दिया गया है. इस बात का ऐलान तो सोमवार को ही कर दिया गया था, अब आज मंगलवार को किंग चार्ल्स ने उन्हें सरकार बनाने का न्योता देकर औपचारिक ऐलान भी कर दिया है. प्रधानमंत्री बनते ही ऋषि सुनक की तरफ से पहला बयान भी आ गया है.
ऋषि सुनक ने जोर देकर कहा है कुछ गलतियां की गई थीं जिनका सुधार उन्हें करना पड़ेगा. वे कहते हैं कि हमारा देश रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से एक आर्थिक संकट से जूझ रहा है. पहले कुछ गलतियां की गई थीं, मैं उन्हीं गलतियों को ठीक करने के लिए चुना गया हूं. जो भी चुनौतियां आने वाली हैं, मैं पूरी निष्ठा के साथ उनसे निपटने वाला हूं. ये मेरा आप सभी से वादा रहने वाला है. अब जानकारी के लिए बता दें कि ऋषि सुनक का प्रधानमंत्री बनना इसलिए भी मायने रखता है क्योंकि उन्होंने पहले लिज ट्रस से मुकाबला किया था और फिर कुछ समय के लिए बोरिस जॉनसन से भी उनकी सीधी टक्कर रही.
असल में पहले लिज ट्रस को ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनाया गया था. उन्होंने ऋषि सुनक को एक अच्छे अंतर से हराकर वो कुर्सी हासिल की थी. लेकिन उनके कुछ फैसलों पर ऐसा बवाल रहा कि वे सिर्फ 45 दिनों तक ही प्रधानमंत्री बनी रह पाईं. असल में टैक्स कटौती के लिज ने कुछ ऐसे वादे कर दिए थे जो वर्तमान में आर्थिक चुनौतियों की वजह से पूरे नहीं हो सकते थे. ऐसे में उनको अपने ही लिए कुछ फैसले वापस लेने पड़ गए. इसी वजह से दोनों जनता और पार्टी के कई नेताओं ने खुद को ठगा हुआ सा महसूस किया. उन्हें लगने लगा कि लिज को जिन वादों के दम पर सत्ता दी गई थी, वे उन्हें ही पूरा नहीं कर पाईं. इसी वजह से उनके इस्तीफे की मांग उठने लगी थी जो उन्होंने 19 अक्टूबर को दे भी दिया.
उनके इस्तीफे के बाद चर्चा तेज थी कि अब ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री बनाया जाएगा. लेकिन कुछ समय के लिए उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कड़ी टक्कर मिली. कंजर्वेटिव पार्टी के ही कई नेता जॉनसन को पीएम बनता देखना चाहते थे. तर्क दिया जा रहा था कि उन्हें ही जनता का सबसे बड़ा जनादेश मिला था, ऐसे में उन्हें फिर वो जिम्मेदारी संभाल लेनी चाहिए. लेकिन इससे पहले ये मुकाबला और दिलचस्प हो पाता, जॉनसन ने खुद ही पीएम रेस से पीछे हटने का फैसला कर लिया. ऐसे में ऋषि सुनक की राह आसान हो गई और उन्होंने अपनी प्रतिद्वंदी पेनी मोरडॉन्ट को अच्छे अंतर से हरा दिया और जरूरी मत हासिल किए.