'बुआ का बगीचा, बाप का तेल...', आदिपुरुष पर क्यों कुपित हैं अयोध्या-काशी के संत?
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आदिपुरुष फिल्म इन दिनों हर तरफ चर्चा में है. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा रही है. लेकिन फिल्म का देशभर में विरोध भी हो रहा है. फिल्म पर बैन लगाने की भी मांग उठ रही है. रामायण पर बेस्ड इस फिल्म के डायरेक्टर ओम राउत है. प्रभास, कृति सेनन और सैफ अली खान स्टारर फिल्म ने शुक्रवार को इंडिया में ही 100 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाकर एक नया रिकॉर्ड बनाया. फिल्म ने दो दिन में 240 करोड़ रुपये की कमाई की है.
फिल्म आदिपुरुष की एक तरफ ताबड़तोड़ कमाई जारी है, तो दूसरी ओर फिल्म को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. आदिपुरुष में दिखाए गए संवादों को लेकर लोगों को आपत्ति है. अयोध्या, वाराणसी से लेकर हरिद्वार तक में तमाम हिंदू संगठन फिल्म का विरोध कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत तमाम राज्यों में फिल्म पर बैन की मांग हो रही है. कुछ हिंदू संगठनों ने फिल्म पर बैन की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है. लखनऊ में फिल्म की स्टारकास्ट, डायलॉग राइटर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग भी की गई है. लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन के बाद फिल्म के निर्माताओं ने तय किया है कि वो विवादित संवादों को फिल्म से हटाया जाएगा और ये हफ्ते भर के भीतर होगा, मगर फिल्म को लेकर लोगो का गुस्सा थम नहीं रहा है.
किन-किन डायलॉग्स पर आपत्ति?
1- हनुमान जब लंका में जाते हैं, तो एक राक्षस उन्हें देख लेता है और पूछता है, ''ये लंका क्या तेरी बुआ का बगीचा है, जो हवा खाने चला आया.'' 2- सीता से मिलने के बाद हनुमान को जब लंका में राक्षस पकड़ लेते हैं, तो मेघनाथ उनकी पूंछ में आग लगाने के बाद पूछता है, जली. इसके जवाब में हनुमान कहते हैं, ''तेल तेरे बाप का. कपड़ा तेरे बाप का. और जलेगी भी तेरे बाप की." 3- जब हनुमान लंका से लौटकर आते हैं और राम उनसे पूछते हैं कि क्या हुआ? इसके जवाब में हनुमान कहते हैं- बोल दिया, जो हमारी बहनों को हाथ लगाएंगे, उनकी लंका लगा देंगे. 4- लक्ष्मण पर वार करते हुए इन्द्रजीत एक जगह कहता है, ''मेरे एक सपोले ने तुम्हारे इस शेष नाग को लंबा कर दिया. अभी तो पूरा पिटारा भरा पड़ा है.'' इसके अलावा भी दर्शकों ने कुछ संवादों और भगवान राम, सीता, हनुमान और रावण की वेशभूषा पर भी आपत्ति जताई है.
वाराणसी से हरिद्वार तक विरोध प्रदर्शन
फिल्म आदिपुरुष का वाराणसी से हरिद्वार तक जमकर विरोध हो रहा है. अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, आदि पुरुष के डायलॉग्स का लेखन जिस प्रकार से हुआ, वह संतों को पच नहीं रहा है मनोज वास्तव में मुंतशिर ही था, जिसने शुक्ला बनने की कोशिश की. सनातन धर्म में साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करना अक्षम अपराध है. उधर, वाराणसी में तमाम प्रदर्शनकारियों ने आदिपुरुष के खिलाफ मल्टीप्लेक्स पर पहुंचकर प्रदर्शन किया. इस दौरान फिल्म के पोस्टर फाड़े गए. हनुमान ध्वज भी फहराया गया. प्रदर्शनकारियों ने फिल्म को बैन करने की मांग की.
- लखनऊ में फिल्म आदिपुरुष को लेकर अखिल भारत हिंदू महासभा ने हजरतगंज कोतवाली में तहरीर दी. हिंदू महासभा का कहना है कि आदिपुरुष फिल्म में सनातन धर्म का अपमान किया गया. भगवान राम हनुमान जी और सीता माता का गलत चित्रण और गलत डायलॉग दिखा कर अपमानित किया गया. आज के बच्चों के मन मस्तिष्क में हमारे भगवान के प्रति ऐसी ही छवि बनाने की कोशिश की गई है. अखिल भारत हिंदू महासभा ने आदिपुरुष फिल्म की स्टारकास्ट, डायलॉग राइटर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर के खिलाफ शिकायत की. महासभा की मांग है कि जब नेपाल में फिल्म को बैन किया जा सकता है, तो यूपी में भी सरकार को इस पर बैन लगाना चाहिए. - हरिद्वार में भी आदिपुरुष को लेकर संत समाज जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. हरिद्वार के साधु-संतों ने फिल्म को हिंदू धर्म के खिलाफ एक षड्यंत्र बताते हुए लोगों से इस फिल्म को ना देखने की अपील की है. साधु संतों का कहना है कि इस फिल्म पर सरकार द्वारा तत्काल बैन लगाया जाना चाहिए. फिल्म के विरोध में हरिद्वार का अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, शंकराचार्य परिषद, महामंडलेश्वर, जूना अखाड़ा और बड़ा अखाड़ा फिल्म का खुलकर विरोध कर रहे हैं.
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