बिहार: पटना के जिस गोदाम से पकड़ी गई थी 5 करोड़ की शराब, वहां खुला थाना
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पटना के बाईपास इलाके के एक गोदाम को पुलिस स्टेशन में तब्दील कर दिया गया है, जहां से पिछले दिनों तकरीबन 5 करोड़ की शराब बरामद की गई थी.
बिहार में लगातार मिल रही शराब की खेप को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेहद नाराज हैं. सीएम नीतीश ने शराबबंदी कानून को और कड़ाई से लागू कराने के निर्देश दिए हैं. नीतीश कुमार की सरकार ने यह निर्देश दिए हैं कि अब से किसी भी मकान या गोदाम में शराब की खेप मिलेगी तो सरकार वहां पर पुलिस स्टेशन खोलेगी. शराबबंदी को और ज्यादा सख्ती से लागू करने के लिए सरकार ने शराब माफिया की संपत्ति जब्त कर उसकी नीलामी करने का भी फैसला लिया है. दिलचस्प बात यह है कि सरकार के इस निर्णय पर अब कार्यान्वयन भी शुरू हो चुका है. सरकार के इस निर्देश पर अमल करते हुए पटना के बाईपास इलाके के एक गोदाम को पुलिस स्टेशन में तब्दील कर दिया गया है, जहां से पिछले दिनों तकरीबन 5 करोड़ की शराब बरामद की गई थी. सरकार ने उस गोदाम में पुलिस स्टेशन खोल दिया है. गौरतलब है कि इसी साल 31 जनवरी को उत्पाद विभाग ने बाईपास इलाके के इस गोदाम में छापेमारी करके तकरीबन 5 करोड़ की शराब बरामद की थी. बिहार में बरामद की गई शराब की यह अब तक की सबसे बड़ी खेप है.राजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.