
बंधुआ मजदूरी कराई, परिवार से मिलने नहीं दिया... ईंट भट्ठा मालिक पर ग्रामीणों ने लगाए गंभीर आरोप!
AajTak
महाराष्ट्र के पालघर में ग्रामीणों को बंधुआ मजदूरी के लिए मजबूर करने का मामला सामने आया है. आरोप है कि गुजरात के ईंट भट्टा मालिक ने ग्रामीणों को धमकाकर जबरन काम पर लगाया. उन्हें परिवार से मिलने नहीं दिया. महीनों बाद पीड़ित किसी तरह भाग निकले और एक एनजीओ की मदद ली. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
महाराष्ट्र के पालघर में बंधुआ मजदूरी का मामला सामने आया है. इस मामले की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने गुजरात के एक ईंट भट्ठा मालिक के खिलाफ केस दर्ज किया है. आरोप है कि ईंट भट्टा मालिक ने ग्रामीणों से बंधुआ मजदूरी कराई और परिवार से मिलने भी नहीं दिया.
एजेंसी के अनुसार, पुलिस का कहना है कि पालघर के वडाखडकोना-गुरवपाड़ा गांव के कुछ ग्रामीणों को जबरन बंधुआ मजदूरी में धकेल दिया गया था. आरोप है कि नवंबर 2024 से फरवरी 2025 तक इन मजदूरों को जबरन गुजरात ले जाकर ईंट भट्ठे पर काम के लिए मजबूर किया गया. इस मामले में आरोपी की पहचान जिग्नेशभाई भगवानभाई प्रजापति के रूप में हुई है, जो गुजरात में एक ईंट भट्ठा का मालिक है. पुलिस ने उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है.
यह भी पढ़ें: पुरुषों को भेज देते थे जंगल, महिलाओं-बच्चों से खेतों में कराते थे काम... मुक्त कराए गए 26 बंधुआ मजदूरों की कहानी!
पीड़ित मजदूरों ने आरोप लगाया कि उन्हें जबरन गुजरात ले जाया गया और वहां अमानवीय परिस्थितियों में काम करने के लिए मजबूर किया गया. आरोप है कि ईंट भट्टा मालिक ने उनके गांव आकर उन्हें जबरन एक वाहन में बैठाया और धमकी देकर सूरत के ईंट भट्ठे पर ले गया. मजदूरों को अपने खेतों में काम करने और परिवार से मिलने तक की अनुमति नहीं दी गई.
किसी दिन मौका पाकर पीड़ित भाग निकले और एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) की मदद ली. इसके बाद पुलिस को मामले की जानकारी दी गई और जांच शुरू हुई. पुलिस ने पीड़ितों के बयान दर्ज कर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया. पुलिस ने इस मामले में ईंट भट्टा मालिक के खिलाफ केस दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.










