बंद कमरे में नीतीश से मिले प्रशांत किशोर, क्या होगी JDU में वापसी? आया बिहार सीएम का बयान
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प्रशांत किशोर मंगलवार को बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मिले. इसके बाद कयास लग रहे हैं कि प्रशांत किशोर फिर से JDU के चुनावी रणनीतिकार बन सकते हैं. मुलाकात पर नीतीश से सवाल किया गया तो वह मुस्कुरा दिए.
बिहार में नीतीश कुमार बीजेपी का साथ छोड़कर आरजेडी के साथ मिलकर सरकार बना चुके हैं. लेकिन इतने पर वहां राजनीतिक घटनाक्रम रुका नहीं है. अब चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर फिर से नीतीश के साथ आते दिख रहे हैं. हालांकि, महागठबंधन सरकार के मार्गदर्शक मंडल में शामिल RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव प्रशांत किशोर को पसंद नहीं करते हैं.
अब अगर प्रशांत किशोर दोबारा नीतीश कुमार के सलाहकार और रणनीतिकार बनते हैं तो क्या लालू यादव एक बार फिर नाराज हो जाएंगे? यह देखने वाली बात होगी.
बीजेपी के साथ जाने के कारण नीतीश कुमार से अलग हुए लोग अब फिर से उनके साथ जुड़ने लगे हैं. यही कारण है कि देर शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से प्रशांत किशोर ने भी मुलाकात की. इसके बाद यह चर्चा शुरू हो गई कि क्या बिहार की सियासत में अपनी जमीन तलाश रहे प्रशांत किशोर फिर से नीतीश कुमार के चुनावी रणनीतिकार बनेंगे? वैसे यह चर्चा पवन वर्मा के पटना पहुंचते ही शुरू हो गई थी. बता दें कि नीतीश कुमार ने साल 2020 में पवन वर्मा और प्रशांत किशोर को जदयू से बाहर कर दिया था. लेकिन अब पवन भी वापस नीतीश के साथ आ सकते हैं.
वैसे अबतक नीतीश ने प्रशांत किशोर की वापसी पर कुछ साफ नहीं किया है. नीतीश से पूछा गया कि क्या प्रशांत किशोर मिलने आए थे? इसपर नीतीश हंसने लगे. वह बोले कि वो मिले हैं, उनसे ही बात कर लीजिए. फिर नीतीश ने आगे कहा कि कोई खास बात नहीं थी. साथ आने जैसी कोई बात नहीं है. उनसे जब पवन वर्मा के बारे में सवाल किया गया तो वह बोले कि पवन वर्मा से पहले से संबंध हैं. ऐसी कुछ बात नहीं हुई है. किसी से मिलने से क्या एतराज है.
नीतीश से मिले प्रशांत और पवन
पवन वर्मा और प्रशांत किशोर ने कल एक साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की. मंगलवार की शाम में मुख्यमंत्री आवास में प्रशांत किशोर पवन वर्मा से नीतीश कुमार की लंबी बातचीत हुई. इस दौरान बिहार के सियासी हालात के साथ-साथ नीतीश कुमार के द्वारा देश भर में सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने के अभियान पर भी तीनों नेताओं के बीच गंभीर बातचीत हुई है.
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