
बंगाल चुनावः जानें, दूसरे दौर की 30 सीटों के जातिगत और धार्मिक समीकरण
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बंगाल के दूसरे चरण में जातीय और धार्मिक समीकरण भी काफी अहम माने जा रहे हैं, क्योंकि सबसे ज्यादा 24 फीसदी अनुसूचित जाति के लोग हैं जो एक तरह से हर चौथा वोटर है. ऐसे में दलित को साधन के लिए टीएमसी और बीजेपी ने हर जतन किए हैं.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की 30 सीटों पर 171 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला गुरुवार को होना है. इस चरण में बीजेपी के उत्थान ने राज्य की सत्ताधारी पार्टी टीएमसी को न केवल कड़ी चुनौती दी है बल्कि ममता बनर्जी के सामने खुद की नंदीग्राम सीट पर जीत दर्ज करने का चैलेंज है. बंगाल के दूसरे चरण में जातीय और धार्मिक समीकरण भी काफी अहम माने जा रहे हैं, क्योंकि सबसे ज्यादा 24 फीसदी अनुसूचित जाति के लोग हैं जो एक तरह से हर चौथा वोटर है. ऐसे में दलित को साधन के लिए टीएमसी और बीजेपी ने हर जतन किए हैं. बंगाल के दूसरे चरण की 30 सीटों में दक्षिण 24 परगना की चार, पश्चिम मेदिनीपुर की 9, बांकुड़ा की 8 और पूर्व मेदिनीपुर की 9 सीटें शामिल हैं. साल 2016 के विधानसभा चुनाव में इन 30 सीटों में से टीएमसी ने 22 यानी 73 फीसदी सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन साल 2019 के लोकसभा चुनाव में स्थिति पूरी तरह से बदल गई है. बीजेपी ने इन विधानसभा क्षेत्रों में से 18 पर बढ़त हासिल की है, जबकि टीएमसी केवल 12 पर ही बढ़त हासिल कर पाई है. यही वजह है कि दूसरे चरण का चुनाव काफी कांटे भरा मुकाबला माना जा रहा है.
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