
फ्रांस से डिपोर्ट किए जाएंगे 25 भारतीय, पॉलिटिकल असाइलम की अर्जी खारिज
AajTak
यूरोपीय देश फ्रांस में शरण मांग रहे 25 भारतीयों को डिपोर्ट किया जाएगा. दुबई से निकारगुआ जा रही फ्लाइट को मानव तस्करी के शक में फ्रांस में रोका गया था. हालांकि करीब 100 घंटे बाद 303 यात्रियों में से 276 को भारत वापस लाया गया, जबकि 276 यात्री फ्लाइट में नहीं चढ़े और उन्होंने वहां शरण मांगी थी.
फ्रांस में शरण मांग रहे 25 भारतीय यात्रियों को मुक्त कर दिया गया है. फ्रांसीसी मीडिया ने बताया कि स्थानीय कोर्ट ने इन यात्रियों को औपचारिक आधार पर रिहा करने का आदेश दिया. बीते सप्ताह दुबई से निकारगुआ जा रही फ्लाइट को मानव तस्करी के शक में फ्रांस में रोक लिया गया था, जिसमें 303 यात्री सवार थे. इनमें से 276 यात्री वापस भारत लौट आए, जबकि 25 ने फ्रांस में शरण मांगी थी. इसके अलावा दो यात्रियों से वहां पूछताछ की गई.
फ्रांसीसी अखबार 'ले मोंडे' ने अभियोजकों के हवाले से कहा कि स्थानीय कोर्ट ने औपचारिक आधार पर उनकी रिहाई का आदेश दिया था. कोर्ट ने देखा कि फ्रांस के मुख्य चार्ल्स डी गॉल एयरपोर्ट पर बॉर्डर पुलिस चीफ ने ये मामला कानून द्वारा निर्धारित समय सीमा के अंदर उनके पास नहीं भेजा था.
फ्रांस के 'Dunki Flight' केस में गुजरात पुलिस की एंट्री, एजेंट्स को ढूंढने के लिए बनीं 4 टीमें
इसके बाद फ्रांस में राजनीतिक शरण की मांग करने वाले 25 भारतीय यात्रियों को मंगलवार को मुक्त कर दिया गया और उनमें से 5 को नाबालिग होने की वजह से बाल कल्याण सेवाओं की देखभाल में रखा गया. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए दो लोगों के खिलाफ मानव तस्करी का आरोप हटा दिया गया था क्योंकि यह स्थापित हो गया था कि यात्री अपनी मर्जी से विमान में चढ़े थे.
कैसे फ्रांस में फंस गया था यात्री विमान?
दरअसल, 21 दिसंबर को रोमानिया स्थित लीजेंड एयरलाइंस की फ्लाइट दुबई से निकारागुआ जा रही थी. इसमें कुल 303 भारतीय नागरिक सफर कर रहे थे, जबकि 11 नाबालिग थे. जब यह फ्लाइट फ्यूल भरवाने के लिए फ्रांस की राजधानी पेरिस से 150 किमी दूर छोटे से एयरपोर्ट वैट्री पर लैंड हुई तो वहां इसे रोक लिया गया. फ्रांस के अधिकारियों ने यात्रा की स्थितियों और उद्देश्य की न्यायिक जांच शुरू कर दी. इसमें संगठित अपराध में विशेषज्ञता रखने वाली एक टीम को संदिग्ध मानव तस्करी की जांच करने के निर्देश दे दिए गए.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.






