फोर्स को उड़ाने के लिए नक्सलियों ने लगाए बम, विस्फोट से खुद के ही उड़ गए परखच्चे
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छत्तीसगढ़ में कांकेर जिले के अमाबेडा थाना क्षेत्र में एक ऐसा वाकया हुआ जिसे देख कर लगता है कि जो जैसा करता है वो वैसा भरता है. दरअसल ये इलाका नक्सल प्रभावी है तो यहां नक्सली फ़ोर्स को उड़ाने के लिए बम लगा रहे थे, लेकिन इसी दौरान बम फट गया और नक्सली खुद उड़ गए.
छत्तीसगढ़ में कांकेर जिले के अमाबेडा थाना क्षेत्र में एक ऐसा वाकया हुआ जिसे देख कर लगता है कि जो जैसा करता है वो वैसा भरता है. दरअसल ये इलाका नक्सल प्रभावित है तो यहां नक्सली फ़ोर्स को उड़ाने के लिए बम लगा रहे थे, लेकिन इसी दौरान बम फट गया और नक्सली खुद उड़ गए.(कांकेर से राकेश शुक्ला की रिपोर्ट) बम इतना शक्तिशाली था कि डीवीसी मेम्बर के चीथड़े पेड़ पर लटके मिले जबकि दो नक्सली घायल हो गए. इस सम्बंध में नक्सलियों ने पर्चे भी फेंके और बैनर भी लगाया जिसमें लिखा था कि 18 फरवरी को आमाबेड़ा के गांव चुकपाल में सुबह 6.15 पर एक हादसा हुआ. इस हादसे में डीवीसी मेम्बर सोमाजी उर्फ सहदेव वेड़दा की मौत हो गई.नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
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