
फैक्ट चेकर जुबैर की सुप्रीम कोर्ट में याचिका, यूपी में दर्ज 6 FIR रद्द करने की मांग
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फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस ने 27 जून को एक सोशल मीडिया यूजर की शिकायत के बाद धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर यूपी में दर्ज सभी 6 एफआईआर को रद्द करने की मांग की है. फैक्ट चेकर जुबैर ने यूपी में उनके खिलाफ जांच के लिए गठित SIT की संवैधानिकता को भी चुनौती दी है.
यूपी में जुबैर के खिलाफ टीवी चैनलों के एंकर पर व्यंग्य करने, हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने, देवी-देवताओं का अपमान करने, भड़काऊ पोस्ट सोशल मीडिया पर डालने के मामले में सीतापुर के खैराबाद, लखीमपुर के मोहम्मदी, गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर, मुजफ्फरनगर के चरथावल और हाथरस के सिकंदराराऊ और हाथरस के कोतवाली में केस दर्ज हैं. जुबैर ने अपनी इस याचिका में इन एफआईआर की तफ्तीश के लिए एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम यानी एसआईटी गठित करने का भी विरोध किया है. जुबैर ने सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली में दर्ज मामलों को एक साथ जोड़ने का अनुरोध किया है, जिसमें उन्हें पहली बार गिरफ्तार किया गया था और सभी छह प्राथमिकी में ऑल्टन्यूज़ के सह-संस्थापक के लिए अंतरिम जमानत मांगी थी.
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई याचिका का मसौदा वृंदा ग्रोवर, सौतिक बनर्जी, देविका तुलसीयानी और मन्नत टिपनिस ने तैयार किया है. सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को आकाश कामरा के माध्यम से याचिका दायर की गई है.
इसके अलावा दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मोहम्मद जुबैर की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब कोर्ट शुक्रवार को जुबैर की जमानत पर अपना फैसला सुना सकती है. वहीं जुबैर को आज यूपी के हाथरस में एक मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया था, जिसने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इससे पहले सीतापुर की एक अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा था.
जुबैर की ओर से पेश वकील वृंदा ग्रोवर ने तर्क दिया है कि यह ट्वीट 2018 का है और 1983 में रिलीज़ हुई एक फिल्म का एक स्टिल दिखाता है. वकील ने पुलिस द्वारा FCRA उल्लंघन या अवैध धन के आरोपों का भी खंडन किया, यह तर्क देते हुए कि AltNews वेबसाइट स्पष्ट रूप से कहती है कि उनके पास एफसीआरए मंजूरी नहीं है.
हालांकि विशेष लोक अभियोजक ने तर्क दिया कि जुबैर ने जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत करने और केंद्र सरकार को निशाना बनाने के लिए एक ट्वीट किया था. उन्होंने यह भी तर्क दिया कि जुबैर को "गुमनाम खातों" से धन प्राप्त हुआ था, जिसकी अभी भी जांच की जा रही है. पटियाला हाउस कोर्ट अब शुक्रवार को जमानत याचिका पर अपना फैसला सुना सकती है.

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