
प्रतिभा सिंह, विक्रमादित्य, सुखविंदर सुक्खू, मुकेश अग्निहोत्री... हिमाचल में सीएम पद की रेस में ये नाम, आज होगी बैठक
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हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को जनादेश मिला है लेकिन पार्टी में सीएम पद के लिए कई लोग अपना दावा कर रहे हैं. इस रेस में कांग्रेस चीफ प्रतिभा सिंह का नाम सबसे आगे. हालांकि कांग्रेस नेतृत्व नए विधायकों की राय जाने के बाद ही इस अंतिम फैसला लेगा, इसलिए आज दोपहर तीन बजे शिमला में कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है.
हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 68 में से 40 सीटों पर स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है. अब कांग्रेस में सीएम के नाम को लेकर चर्चा तेज हो गई है. इस सिलसिल में कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन शिमला में दोपहर तीन बजे कांग्रेस विधायक दल की अहम बैठक होने जा रही है. इस बैठके लिए वरिष्ठ चुनाव पर्यवेक्षक भूपेश बघेल, प्रभारी राजीव शुक्ला, भूपेंद्र सिंह हुड्डा को शिमला भेजा जा रहा है. वह करीब 1 बजे वहां पहुंच जाएंगे. इस बैठक में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी मौजूद रहेंगी.
सीएम पद के लिए तमाम नेता दावेदारी कर रहे हैं लेकिन कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर सभी विधायकों से पहले राय शुमारी की जाएगी, इसके बाद आलाकमान अंतिम फैसला लेगा. मालूम हो कि सीएम फेस के लिए पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी और प्रेदश कांग्रेस चीफ प्रतिभा सिंह, हिमाचल कांग्रेस महासचिव और प्रतिभा सिंह के बेटे शिमला ग्रामीण से प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सुक्खू, चार बार से विधायक मुकेश अग्निहोत्री, डलहौजी सीट से छह बार की कांग्रेस विधायक आशा कुमारी और दरंग सीट से 8 बार विधायक कौल सिंह ठाकुर प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं.
क्या वीरभद्र के परिवार को नजरअंदाज किया जाएगा?
प्रतिभा सिंह लगातार सीएम पद के लिए लगातार दावेदारी कर रहे हैं. उन्होंने गुरुवार को चुनाव परिणाम आने के बाद बयान दिया था कि विधायक अपना नेता चुनेंगे और अपनी राय पार्टी आलाकमान को बताएंगे. मैं नहीं कह रही हूं कि मैं CM पद की दौड़ में हूं लेकिन यह चुनाव वीरभद्र सिंह के नाम पर जीता है. क्या आप उनके परिवार की विरासत की नजर अंदाज कर सकते हैं? यानी उन्होंने दबी जुबान से खुद की और अपने परिवार की सीएम पद के लिए दावेदारी कर दी है.
कांग्रेस को 40, बीजेपी को मिलीं 25 सीटें
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कुल 68 सीटें हैं. सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 35 सीटों की जरूरत होती है. कांग्रेस ने यहां 40 सीटों पर जीत दर्ज की है. यानी कांग्रेस की सरकार बनना तय है. इस चुनाव में बीजेपी के खाते में 25 तो अन्य के हिस्से में तीन सीटें आई हैं. वहीं, आम आदमी पार्टी एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई. इस चुनाव में 412 प्रत्याशियों की किस्मत दांव पर थी. हर 5 साल में सरकार बदलने वाले इस राज्य में इस बार भी ट्रेंड रिपीट हुआ है.

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