
पीएम मोदी को मिला मिस्र का सर्वोच्च सम्मान, अब तक दुनिया के 13 देश कर चुके सम्मानित
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पीएम मोदी को रविवार को राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने मिस्र के सर्वोच्च सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द नाइल' से सम्मानित किया. मिस्र ने 1915 में 'ऑर्डर ऑफ द नाइल' की शुरुआत की गई थी. ये सम्मान उन राष्ट्राध्यक्षों, राजकुमारों और उपराष्ट्रपतियों को प्रदान किया जाता है जो मिस्र या मानवता को अमूल्य सेवाएं प्रदान करते हैं. यह प्रधानमंत्री मोदी को दिया गया 13वां सर्वोच्च राजकीय सम्मान है.
मिस्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजकीय दौरे का आज दूसरा दिन है. रविवार को उन्हें राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने मिस्र के सर्वोच्च सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द नाइल' से सम्मानित किया. यह प्रधानमंत्री मोदी को दिया गया किसी मुल्क का 13वां सर्वोच्च राजकीय सम्मान है. मिस्र ने 1915 में 'ऑर्डर ऑफ द नाइल' की शुरुआत की गई थी. तब मिस्र के सुल्तान हुसैन कामेल ने इसकी स्थापना की थी. 1953 में राजशाही खत्म होने और मिस्र के गणतंत्र बनने के बाद देश के सर्वोच्च सम्मान के रूप में ऑर्डर ऑफ द नाइल का पुनर्गठन किया गया.
दरअसल, ये सम्मान उन राष्ट्राध्यक्षों, राजकुमारों और उपराष्ट्रपतियों को प्रदान किया जाता है जो मिस्र या मानवता को अमूल्य सेवाएं प्रदान करते हैं. ये एक शुद्ध सोने के हार की तरह होता है. इसमें तीन वर्गाकार सोने के टुकड़े होते हैं. इस पर फिरोजा और माणिक से सजाए गए गोलाकार सोने के फूल की तीन इकाइयां एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं.
सम्मान की हर इकाई का अलग-अलग मतलब
इन इकाईयों का अलग-अलग मतलब है. पहली इकाई राज्य को बुराइयों से बचाने के विचार से मिलती जुलती है, दूसरी इकाई नील नदी द्वारा लाई गई समृद्धि और खुशी से मिलती जुलती है और तीसरी इकाई धन और सहनशक्ति को संदर्भित करती है. इस पर एक हेक्सागोनल लटकन है, जो फ़ारोनिक शैली के फूलों, फ़िरोज़ा और रूबी रत्नों से सजाई गई है.
हेक्सागोनल पेंडेंट के बीच में नील नदी का प्रतिनिधित्व करने वाला एक उभरा हुआ प्रतीक है जो उत्तर (पेपिरस द्वारा दर्शाया गया) और दक्षिण (कमल द्वारा दर्शाया गया) को एक साथ लाता है.
9 वर्षों में पीएम मोदी को 13 देशों से मिला राजकीय सम्मान

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