
पिछले 100 साल में मिडिल ईस्ट में कितनी बार दखल दे चुका अमेरिका, क्या उसकी धमकियां वाकई शांति ला पाती हैं?
AajTak
अमेरिका भले ही शांति का राग अलापता रहे लेकिन सच तो ये है कि उसने एक बार फिर मिडिल ईस्ट में जंग की आग को और भड़का दिया. ईरान और इजरायल की लड़ाई में उसकी औपचारिक एंट्री हो चुकी, जिसमें वो तेहरान को धमका रहा है. इससे पहले भी मिडिल ईस्ट के मामलों में वॉशिंगटन कई बार दखलंदाजी कर चुका.
ईरान और इजरायल की लड़ाई चल रही थी. हो सकता है कि कुछ दिन खींच-खांचकर वो खुद ही रुक जाती. लेकिन अब शायद ऐसा न हो. जंग में अमेरिका भी आ चुका है, और ईरान के परमाणु ठिकानों पर बमबारी भी हो चुकी. वाइट हाउस का कहना है कि वो ये सब शांति के लिए कर रहा है. शांति के नाम पर वो पहले भी कई बार मिडिल ईस्ट में घुसपैठ करता रहा.
अमेरिकी स्कॉलर भी उठाते रहे सवाल
पीस डील कराने के नाम पर यूएस अक्सर ही फटे में पांव लगाता रहा है, फिर चाहे वो ईरान-इराक मामला हो, या भारत-पाकिस्तान का. शांति को लेकर अमेरिकी भूमिका पर खुद उसके देश में सवाल उठते रहे. वहां से इतिहासकार हैरी एस स्टॉउट कहते हैं कि इस देश ने दुनियाभर के देशों में 280 से ज्यादा सैन्य दखल दिए. साथ ही वो देशों की निहायत आतंरिक बहस में भी घुसपैठ करता रहा, और अपनी राय देता रहा.
दखलंदाजी की प्रैक्टिस के लिए मिडिल ईस्ट अमेरिका की पसंदीदा जगह रही.
पिछले 100 सालों की बात करें तो वॉशिंगटन ने यहां बार-बार हाथ आजमाए. 20वीं सदी की शुरुआत में अमेरिका ने मिडिल ईस्ट की राजनीति में सीधा सैन्य दखल नहीं दिया, लेकिन तेल कंपनियों से मेलजोल के जरिए अपनी जड़ें जमाने लगा था. इस समय एक अमेरिकी ते कंपनी को सऊदी में ऑइल खोजने का कॉन्ट्रैक्ट मिल गया था. यहीं से सारा खेल शुरू हुआ.
दूसरे वर्ल्ड वॉर में यूएस ने सऊदी अरब में हवाई पट्टियां बनाईं, ताकि जर्मनी को रोका जा सके. कहने को ये अप्रत्यक्ष दखल था, लेकिन इसके बाद ही उसका यहां आना-जाना बढ़ता चला गया.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.






