![पाकिस्तान, ब्रिटेन, UN... सबने की जांच, फिर भी 16 साल में क्यों नहीं सुलझी बेनजीर भुट्टो की हत्या की गुत्थी](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202312/658c4492c168e-20231227-273649607-16x9.jpg)
पाकिस्तान, ब्रिटेन, UN... सबने की जांच, फिर भी 16 साल में क्यों नहीं सुलझी बेनजीर भुट्टो की हत्या की गुत्थी
AajTak
पाकिस्तान सरकार ने उस समय इस घटना को आतंकी हमला करार दिया था और यहां तक कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से जुड़े दो लोगों के स्केच भी जारी कर दिए थे. साथ में आतंकियों की कथित टेलीफोन बातचीत भी जारी की गई थी.
27 दिसंबर 2007 को पाकिस्तान की तत्कालीन प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या कर दी गई थी. लेकिन 16 साल बाद आज भी भुट्टो की हत्या की पहेली सुलझी नहीं है.
पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की 2007 में उस समय हत्या कर दी गई थी, जब वह एक चुनावी रैली को संबोधित कर लौट रही थीं. लियाकत बाग के बाहर आत्मघाती हमले में उनकी हत्या की गई. हत्या के समय उनकी उम्र 54 साल थी और उस समय पाकिस्तान में सैन्य तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ का शासन था.
जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, बेनजीर की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) 2008 से 2013 तक देश में सत्ता में रही. लेकिन फिर भी बेनजीर की हत्या में शामिल लोगों या संगठन का पता नहीं लगा पाई.
कई सवाल अब भी अनसुलझे
रिपोर्ट में कहा गया कि साल दर साल गुजरने के बाद बेनजीर की हत्या की गुत्थी सुलझी नहीं है. उनकी हत्या की साजिश को लेकर कई सवाल हैं, जिनका जवाब आज तक नहीं मिल पाया है. सबसे बड़ी पहेली यही है कि चुनावी रैली को संबोधित करने के बाद बेनजीर भुट्टो के काफिले को जिस रूट से लौटना था, ऐन वक्त पर उस रूट में बदलाव क्यों किया गया? एक बड़ा सवाल ये भी कि आनन-फानन में घटनास्थल को क्यों धुलवा दिया? या फिर सबूतों को क्यों नष्ट किया गया.
पाकिस्तान सरकार ने उस समय इस घटना को आतंकी हमला करार दिया था. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से जुड़े दो लोगों के स्केच जारी किए गए थे. साथ में आतंकियों की कथित टेलीफोन बातचीत भी जारी की गई थी.
![](/newspic/picid-1269750-20240610110611.jpg)
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना भी मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से नाराज हो गई है. पार्टी के चीफ व्हिप श्रीरंग बारणे का कहना है कि उनकी पार्टी ने सात सीटें जीती हैं और बावजूद इसके उन्हें कोई कैबिनेट मंत्रालय नहीं दिया गया. उनका कहना है कि एनडीए के अन्य घटक दलों को कम सीट मिलने पर भी कैबिनेट में जगह मिली है.
![](/newspic/picid-1269750-20240610081735.jpg)
जम्मू-कश्मीर के रियासी में आतंकियों ने घात लगाकर तीर्थयात्रियों की बस पर हमला किया. अटैक के बाद गाड़ी खड्ड में जा गिरी, जिसमें 10 मौतें हो चुकीं. घटना नई कैबिनेट के शपथ ग्रहण के दौरान हुई. अब विपक्ष इसे लेकर हमलावर है. वो आरोप लगा रहा है कि जम्मू-कश्मीर एक बार फिर टैरर हॉटस्पॉट बन चुका. जानिए, क्या कहते हैं आंकड़े.