
पहले PA, फिर नौकर, और अब मंत्री की गिरफ्तारी... झारखंड के 35 करोड़ के कैशकांड में ED का ताबड़तोड़ एक्शन, आज कोर्ट में पेशी
AajTak
धन शोधन मामले में झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम को आज पीएमएलए की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा. बुधवार को ही ईडी ने उन्हें लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था. कुछ दिन पहले उनके करीबियों के यहां से 35 करोड़ से अधिक कैश मिला था.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस नेता एवं झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को धन शोधन मामले में बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. आलमगीर आलम को आज रांची स्थित पीएमएलए की विशेष अदालत में ले जाया गया है जहां कुछ देर में उनकी पेशी होगी. जहां ईडी उनकी रिमांड पर लेने की मांग करेगी. बुधवार को गिऱफ्तारी के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों की टीम ने उनका हेल्थ चेकअप किया. इस दौरान उनकी बीपी बड़ा हुआ था.
कुछ दिनों पहले ही उनके सहयोगी से जुड़े परिसरों से बड़े पैमाने पर नकदी जब्त की गई थी. 70 वर्षीय आलमगीर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत यहां एजेंसी के क्षेत्रीय कार्यालय में हिरासत में लिया गया था.सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के दूसरे दिन उनसे करीब छह घंटे तक पूछताछ की गई और फिर गिरफ्तारी की गई.
यह भी पढ़ें: झारखंडः कांग्रेस नेता और मंत्री आलमगीर आलम अरेस्ट, ED रेड में PS के नौकर के घर से मिला था 37 करोड़ कैश
इस वजह से आए ईडी की रडार पर
मंगलवार को केंद्रीय एजेंसी ने उनसे नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की और उनका बयान भी दर्ज किया गया. आलम झारखंड विधानसभा में पाकुड़ सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं और संसदीय कार्य मंत्री भी हैं. हाल ही में उनके निजी सचिव और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी संजीव कुमार लाल (52) और उनके घरेलू सहायक जहांगीर आलम (42) की गिरफ्तारी के बाद वह ईडी के रडार पर आ गए थे. इन दोनों के यहां ईडी ने 6 मई को छापा मारा था और उनसे जुड़े एक फ्लैट से 32 करोड़ रुपये नकद मिले थे.
आलमगीर ने ने पहले संवाददाताओं से कहा था कि वह एक "कानून का पालन करने वाले" नागरिक हैं. खुद को लाल की गतिविधियों से दूर रखत हुए उन्होंने कहा था कि संजीव कुमार लाल ने अतीत में राज्य सरकार के अन्य मंत्रियों के साथ भी काम किया है. मनी लॉन्ड्रिंग जांच राज्य ग्रामीण विकास विभाग में कथित अनियमितताओं और "रिश्वत" के भुगतान से संबंधित है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.







