
पहले कार से बाहर खींचा, फिर गोलियों से भून डाला... पाकिस्तान में इस तरह हुआ वरिष्ठ पत्रकार का मर्डर
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पाकिस्तान में निजी समाचार चैनल खैबर न्यूज से जुड़े खलील जिब्रान को मंगलवार को मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने उस वक्त निशाना बनाया, जब वह खैबर जिले के लांडी कोटल कस्बे में अपने दोस्त के साथ अपने आवास की ओर जा रहे थे.
Senior Journalist Killed in Pakistan: पड़ोसी देश पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक वरिष्ठ पत्रकार की गोली मार कर हत्या कर दी गई. इस वारदात को अनजान बंदूकधारी हमलावरों ने उनके घर के करीब ही अंजाम दिया. वे एक निजी समाचार चैनल के लिए काम करते थे. इस घटना से वहां के पत्रकारों में खासा रोष है. उन्होनें इस हत्याकांड के विरोध में प्रदर्शन भी किया.
पुलिस के आला अधिकारी ने इस वारदात के बारे में जानकारी देते हुए एजेंसियों को बताया कि निजी समाचार चैनल खैबर न्यूज से जुड़े खलील जिब्रान को मंगलवार को मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने उस वक्त निशाना बनाया, जब वह खैबर जिले के लांडी कोटल कस्बे में अपने दोस्त के साथ अपने आवास की ओर जा रहे थे.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि पत्रकार की कार में उनके घर के पास खराबी आ गई थी, तभी बंदूकधारियों ने उन्हें घेर लिया. फिर उन्हें गाड़ी से बाहर निकाला और उन पर गोलियां चला दीं. अधिकारी ने बताया कि लांडी कोटल प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष जिब्रान की मौके पर ही मौत हो गई और उनके वकील मित्र हमले में घायल हो गए.
इस वारदात को अंजाम देने के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए. पुलिस अफसर ने बताया कि जिब्रान को आतंकवादियों से धमकियां भी मिली थीं. इस बीच, साथी पत्रकारों द्वारा खैबर-पाक-अफगान राजमार्ग पर विरोध प्रदर्शन करने के बाद, मारे गए पत्रकार को उनके पैतृक गांव सुल्तान खेल में दफनाया गया.
प्रदर्शनकारियों ने पत्रकार के हत्यारे को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की. खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर ने अधिकारियों को पत्रकार की हत्या के लिए जिम्मेदार दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने का आदेश दिया है.
एसोसिएशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एडिटर्स एंड न्यूज डायरेक्टर्स (AEMEND) ने इस हत्या कांड की कड़ी निंदा की और सरकार से जिब्रान के हत्यारों को न्याय के कटघरे में लाने को कहा. एक बयान में, एसोसिएशन ने उच्च अधिकारियों की ऐसी घटनाओं को रोकने में नाकामी की आलोचना की क्योंकि पत्रकारों को लगातार देश भर में यातना, अपहरण और धमकियों का सामना करना पड़ रहा था.

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