
नीतीश पर हमला, निशाने पर तेजस्वी - बिहार की जातिगत गणना पर राहुल गांधी पलट क्यों गये?
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बिहार के कास्ट सेंसस पर राहुल गांधी का स्टैंड बदलना INDIA ब्लॉक के नेतृत्व पर लालू यादव के बयान का रिएक्शन है - और ये बिहार में विपक्ष के लिए अच्छा संकेत नहीं है.
सिर्फ साल भर में ही बिहार की जातिगत गणना पर राहुल गांधी का रुख बदल गया है - और विधानसभा चुनाव से पहले ये चीज बहुत सारे सवाल खड़े करती है.
जनवरी, 2024 में राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के साथ बिहार पहुंचे थे, ये तभी की बात है जब नीतीश कुमार पाला बदलते हुए INDIA ब्लॉक छोड़कर NDA में बीजेपी के साथ चले गये थे. राहुल गांधी ने तब जातिगत गणना का श्रेय नीतीश कुमार से लेकर तेजस्वी यादव को देने, और थोड़ा क्रेडिट खुद भी लेने की कोशिश की थी - लेकिन अब वो बिहार के उसी कास्ट सेंसस को फर्जी करार दे चुके हैं.
दिल्ली चुनाव के बीच ही कांग्रेस ने राहुल गांधी का पटना दौरा प्लान किया था, और खूब प्रचारित भी. पटना पहुंचे राहुल गांधी ने आरजेडी नेता लालू यादव के पूरे परिवार से बड़े ही खुशनुमा माहौल में मुलाकात की. राहुल गांधी और लालू यादव के गले मिलने की भी तस्वीर सामने आई है. 2015 में लालू यादव के साथ ऐसी ही मुलाकात के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि वो गले नहीं मिले थे बल्कि लालू यादव ही उनके गले पड़ गये थे - राहुल गांधी को कैसा अनुभव हुआ, ये तो नहीं मालूम लेकिन चेहरे पर हंसी एकबारगी तो ऐसे सवालों को खारिज ही कर रही है.
लेकिन बिहार के बहुप्रचारित जातिगत गणना को लेकर राहुल गांधी ने जो कहा है, वो सीधे सीधे तो नीतीश कुमार पर ही हमला लगता है, लेकिन निशाने पर साफ तौर पर तेजस्वी यादव ही नजर आते हैं.
क्या ये INDIA ब्लॉक में नेतृत्व को लेकर लालू यादव के ममता बनर्जी के समर्थन का रिएक्शन है? और, क्या ये बिहार मेंं भी इंडिया ब्लॉक के दिल्ली जैसे हाल का इशारा कर रहा है?
1. बिहार के कास्ट सेंसस पर राहुल गांधी का स्टैंड क्यों बदला?

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