नीतीश का रिटर्न गिफ्ट! JDU ने लालू और तेजस्वी को भेजा इफ्तार पार्टी के लिए न्योता
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Bihar politics: नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव को इफ्तार पार्टी का न्योता भेजा है. इससे पहले राबड़ी देवी के आवास पर हुई इफ्तार पार्टी में नीतीश कुमार ने पहुंचकर सबको चौंका दिया था.
बिहार में ईद से पहले नए सियासी समीकरण बनने की हवा तेज हो गई है. दरअसल, अब राजद के बाद नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव को इफ्तार पार्टी का न्योता भेजा है. इससे पहले राबड़ी देवी के आवास पर हुई इफ्तार पार्टी में नीतीश कुमार ने पहुंचकर सबको चौंका दिया था. राजद की ओर से 22 अप्रैल को इफ्तार पार्टी रखी गई थी. इस पार्टी में नीतीश कुमार ने शिरकत भी की थी. लेकिन इस पार्टी के बाद बिहार में सियासत उस वक्त गरमाई थी, जब लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने ऐलान कर दिया कि उनके और मुख्यमंत्री के बीच में सीक्रेट डील हो गई है और जल्द ही बिहार में तेजस्वी सरकार बनेगी. 'ENTRY NITISH CHACHA' पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम पर नजर डालें तो तेज प्रताप नीतीश कुमार को लेकर तेज प्रताप यादव बेहद सॉफ्ट नजर आ रहे हैं. तेज प्रताप पहले भी कई बार नीतीश कुमार को वापस महागठबंधन में आने का ऑफर दे चुके हैं. कुछ दिन पहले उन्होंने 'ENTRY NITISH CHACHA' का मैसेज अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था, जिसके बाद अटकलों को हवा मिली थी कि तेज प्रताप नीतीश को वापस महागठबंधन में लाने के पक्ष में हैं.2017 में जदयू ने राजद से तोड़ा था गठबंधन बिहार में 2013 में नीतीश कुमार ने बीजेपी से अलग होकर महागठबंधन का रास्ता चुना था. 2015 में नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ सरकार बनाने में सफल रहे. लेकिन 2017 में उन्होंने महागठबंधन से बाहर आने का फैसला किया. दरअसल, भ्रष्टाचार के आरोपों में उस वक्त लालू यादव के घर पर छापे पड़े थे. इस मामले में सीबीआई ने तेजस्वी यादव को भी आरोपी बनाया था. नीतीश कुमार चाहते थे कि इस मामले में तेजस्वी जनता में सफाई दें. वहीं, तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा न देने पर अड़े थे. ऐसे में नीतीश कुमार ने महागठबंधन से बाहर आकर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने का फैसला किया. इसके बाद 2020 विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी और जदयू ने मिलकर सरकार बनाई.
पुणे पोर्श कार हादसे में क्राइम ब्रांच ने एक्शन लेते हुए आरोपी नाबालिग की मां को भी हिरासत में ले लिया है. नाबालिग आरोपी की मां शिवानी अग्रवाल ने बेटे के ब्लड सैंपल से ना केवल छेड़छाड़ की थी बल्कि इसे बदल भी दिया था. जैसे ही यह खबर सामने आई तो शिवानी अंडरग्राउंड हो गई. फाइनली पुणे पुलिस ने उसे खोज निकाला है. वह कल रात वह मुंबई से पुणे आई थी. गिरफ्तारी की औपचारिकताएं जल्द ही पूरी होंगी.
चुनाव आयोग ने हर उम्मीदवार के चुनावी खर्च की सीमा तय कर रखी है. लोकसभा चुनाव में हर उम्मीदवार 95 लाख रुपये तक खर्च कर सकता है. जबकि, विधानसभा चुनाव में ये सीमा 28 लाख से लेकर 40 लाख रुपये तक है. अरुणाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्यों में लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार 75 लाख और विधानसभा चुनाव में 28 लाख रुपये खर्च कर सकता है.
बाइडेन ने व्हाइट हाउस में कहा कि हर कोई जो शांति चाहता है, उन्हें अपनी आवाज उठानी चाहिए. अब समय आ गया है कि इस जंग को खत्म कर दिया जाए. उन्होंने दोनों पक्षों के नेताओं से आह्वान किया है कि इस मौके को मत गंवाए. बाइडेन के मुताबिक, इस प्रस्तावित शांति योजना के पहले चरण में छह हफ्तों का सीजफायर शामिल है, जिस दौरान इजरायल और हमास सात अक्तूबर के हमले के बाद से शुरू हुई जंग को खत्म करने पर चर्चा करेंगे.
सातवें चरण में लगभग 5.24 करोड़ पुरुष, 4.82 करोड़ महिलाएं और 3,574 थर्ड जेंडर मतदाता सहित 10.06 करोड़ से अधिक नागरिक मतदान करने के पात्र हैं. आखिरी चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी, लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती, अभिनेत्री कंगना रनौत, रवि किशन, निशिकांत दुबे भी मैदान में हैं.